ग्वालियर: पूर्व मुख्यमंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती (Uma Bharti) लगातार शराबबंदी की मांग कर रही हैं. इसकी शुरुआत भी वह एक शराब दुकान पर पत्थर फेंककर कर चुकी हैं. इसी बीच प्रदेश की संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर (Usha Thakur) का कुछ अलग ही बयान सामने आया है. जिसमें मंत्री उषा ठाकुर कह रही हैं कि जिन राज्याें में शराबबंदी हुई है, वहां ताे लाेगाें की और अधिक दुर्गति हाे गई है. उन्होंने कहा कि जिन प्रदेशों में शराबबंदी है, वहां शराब की ब्लैक मार्केटिंग हो रही है और शराब महंगी बिक रही है. उषा ठाकुर ने कहा कि जिन लोगों को शराब पीनी है, वह नहीं मानते. संस्कृति मंत्री ने इसका उपाय भी बताया और कहा कि लोगों को आध्यात्म की तरफ जोड़ना होगा.
उमा भारती राज्य में शराबबंदी की मांग कर चुकी हैं. वह इसे लेकर सड़क पर उतरने का भी ऐलान कर चुकी हैं. हालांकि पहले उन्होंने 15 जनवरी से राज्य में शराबबंदी के खिलाफ अभियान शुरू करने का ऐलान किया था लेकिन उसके बाद से वह कई बार अपनी इस डेडलाइन (deadline) को बढ़ा चुकी हैं. बीते दिनों जब सरकार ने नई आबकारी नीति पेश की थी तो तब भी राज्य में शराबबंदी का मुद्दा खूब उठा था. कांग्रेस पार्टी ने उमा भारती को उनके शराबबंदी के वादे की याद दिलाई थी. इस पर उमा भारती ने अपने एक बयान में कहा था कि कांग्रेस (Congress) उनका समर्थन करना चाहती है तो करे लेकिन इसका इंतजार ना करे कि मैं झंडा लेकर चलूंगी और वह सब मेरे पीछे चलेंगे. शराबबंदी को सामाजिक अभियान बनाना है, राजनीतिक नहीं.
मध्य प्रदेश की नई शराबनीति के तहत राज्य में शराब की कीमतें 20 फीसदी तक कम कर दी गई हैं. साथ ही घर पर शराब रखने की लिमिट भी बढ़ा दी गई है. एक अप्रैल से प्रदेश में नई शराब नीति लागू हो जाएगी. दरअसल राज्य सरकार के राजस्व में शराब बिक्री से तगड़ा राजस्व आता है. जिसे सरकार बढ़ाने पर विचार कर रही है. नई शराब नीति के तहत राज्य के सभी हवाई अड्डों और 4 बड़े शहरों इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में सुपर मार्केट में भी शराब की खुदरा बिक्री को मंजूरी दे दी गई है.
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