डेस्क: मालदीव के लोगों ने रविवार को संसदीय चुनाव में अपने मत डाले. इसे राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के लिए एक अग्निपरीक्षा के रूप में देखा जा रहा है. इस बार इनकी नीतियों पर भारत और चीन दोनों बारीकी से नजर रख रहे हैं. चुनाव आयोग द्वारा दी गई जानकारी के हिसाब से भारतीय समय के अनुसार शाम 4:00 बजे तक 1,81,406 लोगों ने मतदान किया. इससे 63.73 प्रतिशत मतदान हुआ है. बात दें, इसमें 88,230 महिलाएं और 93,176 पुरुष शामिल हैं. हालांकि लगभग 2,84,000 लोग वोट देने के पात्र थें.
संसदीय चुनाव के लिए मालदीव और तीन अन्य देशों में कुल 602 मतपेटियां लगाई गई हैं. तीन देशों में मतदान के लिए मतपेटियां रखी गई हैं. उनमें से भारत में तिरुवनंतपुरम, श्रीलंका में कोलंबो और मलेशिया में कुआलालंपुर शामिल है. मालदीव में कुल 93 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए सांसद चुने जाएंगे. इसमें मुइज्जू की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) और मुख्य विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) सहित छह पार्टियों के 368 उम्मीदवार और निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव लड़ेंगे.
राष्ट्रपति मुइज्जू ने किया वोट
मुइज्जू ने वोट डालने के बाद पत्रकारों से बात की. इसमें इन्होने कहा मतदान हर नागरिक को दिया गया एक संवैधानिक अधिकार और जिम्मेदारी है. सभी नागरिकों को जल्द से जल्द बाहर आना चाहिए और अपने वोट देने के अधिकार का प्रयोग करना चाहिए. यह पात्र मतदाताओं की जिम्मेदारी है कि वे शाम तक इंतजार न करें और तुरंत अपने संबंधित मतदान केंद्रों पर जाकर वोट डालें.
चुनाव आयोग: दर्ज नहीं हुई कोई बड़ी शिकायत
चुनाव आयोग ने कहा कि अब तक कोई बड़ी शिकायत दर्ज नहीं की गई है. मतपत्र दिखाने के बारे में कुछ शिकायतें आई हैं. यानी मतपत्रों को बिना मोड़े बॉक्स में डालने की शिकायतें हैं. चीन समर्थक राजनेता के रूप में देखे जाने वाले मुइज्जू के लिए ये चुनाव महत्वपूर्ण है. इस बार भारत को देश में तीन विमानन प्लेटफार्मों पर तैनात अपने अधिकांश सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने के लिए मजबूर होना पड़ा था. मुइज्जू ने जनवरी में चीन की यात्रा की और राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित शीर्ष चीनी नेताओं से मुलाकात की थी. इसके बाद चीन और मालदीव ने एक रक्षा सहयोग समझौता भी किया.
चीन का ‘कर्ज जाल’
मालदीव हिंद महासागर क्षेत्र में भारत का प्रमुख समुद्री पड़ोसी है और भारत सरकार की ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) और ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ जैसी पहलों में एक विशेष स्थान रखता है. दूसरी ओर चीन अपनी कर्ज जल वाली कूटनीति से आईओआर में अपना विस्तार कर रहा है. जो हिंद महासागर में पड़ने वाले देशों में सैन्य का नेटवर्क बनाने की एक रणनीतिक पहल है. संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को चीन की ओर झुकाव और भारत से दूरी का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. भारत उम्मीद कर रहा है कि मुख्य विपक्षी और भारत समर्थक पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) बहुमत हासिल करेगी.
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