प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड के आरोपितों की लगातार मौत होती जा रही है. पहले अतीक के बेटे को मुठभेड़ में मार गिराया गया. वहीं बीते शनिवार की देर रात को अतीक और उसके भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई. अतीक की हत्या के चलके उसके जुर्म का साम्राज्य खत्म हो गया. वहीं उसका परिवार भी लगभग खत्म हो गया है. पुलिस और मीडिया के सामने अतीक और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई. अतीक के चार बेटे जेल में बंद हैं.
वहीं अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन फरार है, जिसपर 50 हजार रुपये का इनाम रखा गया है. अतीक के दो बेटे उमर और अली नैनी जेल में हैं. वहीं उसके दो नाबालिग बेटे पुलिस की कड़ी निगरानी में बाल संरक्षण गृह में हैं. उमेश पाल और दो पुलिसकर्मियों की 24 फरवरी को दिनदहाड़े हत्या के बाद से अतीक की तरफ से उसके बेटे असद और सहयोगी अरबाज़, विजय चौधरी उर्फ उस्मान और गुलाम हसन सहित कुल छह लोगों की मौत हो चुकी है. अतीक और अशरफ को शनिवार को हमलावरों ने मार डाला. बाकी पुलिस मुठभेड़ों में मारे गए.
पहला एनकाउंटर 27 फरवरी को प्रयागराज में अरबाज़ का हुआ था. वह कथित तौर पर 24 फरवरी को हत्यारों के वाहन का चालक था. इसके बाद 6 मार्च को फिर से प्रयागराज में उस्मान की मुठभेड़ में हत्या कर दी गई. असद और गुलाम को पुलिस ने 13 अप्रैल को झांसी में मार गिराया था. अतीक के सभी सहयोगी गुड्डू मुस्लिम, अरमान और साबिर फरार हैं, प्रत्येक पर 5 लाख रुपये का इनाम है. अतीक और अशरफ ने कहा था कि उन्हें अदालतों में जान का खतरा है.
दरअसल, अपने बेटे असद और उसके सहयोगी के मारे जाने के एक महीने पहले अतीक ने उमेश पाल हत्याकांड में हिरासत में अपनी सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. अहमद ने तर्क दिया था कि उन्हें अपने जीवन के लिए खतरों का सामना करना पड़ा था और उन्हें धमकियां जारी की गई थीं. शीर्ष अदालत ने अहमद के वकील को याचिका वापस लेने की अनुमति देते हुए कहा था, “राज्य मशीनरी आपकी देखभाल करेगी.”
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