इंदौर। एक तरफ भूमाफियाओं ने पीडि़तों को भूखंड देने से साफ इनकार कर दिया और चेक के जरिए ली राशि ही ब्याज सहित लौटाने की बात कही है, तो दूसरी तरफ हाईकोर्ट के निर्देश पर बनी कमेटी ने भी प्राप्त आपत्तियों, लिक्विडेशन से लेकर ब्याज की राशि निर्धारण के लिए और समय मांग लिया, जिस पर हाईकोर्ट ने 9 अगस्त तक का समय दे दिया है। वहीं एक मुद्दा यह भी सामने आया कि कमेटी अध्यक्ष को जो 50 हजार रुपए का पारिश्रमिक दिया जाना था वह अभी तक नहीं मिला, जिस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी भी जाहिर की।
हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्री श्रीवास्तव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है, जो कालिंदी, फिनिक्स और सेटेलाइट टाउनशिप के पीडि़तों को न्याय दिलवाएगी। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने 50 हजार रुपए का पारिश्रमिक कमेटी अध्यक्ष को देने के निर्देश भी दिए थे, मगर कल सुनवाई के दौरान जब यह जानकारी दी गई कि पारिश्रमिक की राशि अब तक प्राप्त नहीं हुई, तो इस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी भी जाहिर की और शासकीय अधिवक्ता ने आश्वस्त किया कि जल्द ही इसका निराकरण कर दिया जाएगा। दूसरी तरफ प्रशासन की मजबूरी यह है कि वह 50 हजार रुपए के पारिश्रमिक की राशि कौन-से मद से दे। लिहाजा अब शासन को हाईकोर्ट निर्देश का पालन करने के लिए पत्र भेजा जा रहा है, ताकि पारिश्रमिक की राशि प्राप्त कर दी जा सके। दूसरी तरफ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में लिक्विडेशन, प्राप्त नई आपत्तियों के साथ-साथ ब्याज राशि के निर्धारण की दिक्कतें बताई, जिसके चलते समय बढ़वाया गया।
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