नई दिल्ली । अफगानिस्तान(Afghanistan) और न्यूजीलैंड (New Zealand)के बीच ग्रेटर नोएडा में एक टेस्ट मैच(A test match in Greater Noida) खेला जाना था। इसकी शुरुआत 9 सितंबर से होनी थी। हर कोई इस मैच को लेकर एक्साइटेड(excited about the match) था, लेकिन मैच तो छोड़िए दो दिन तक इस मुकाबले में टॉस भी नहीं हुआ है। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड, ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी और बीसीसीआई पर लोग निशाना साध रहे हैं। हालांकि, अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि इसमें बीसीसीआई की कोई गलती नहीं है। बोर्ड ने कहा है कि हमें बीसीसीआई ने तीन स्टेडियम चुनने का विकल्प दिया था, लेकिन हमने ही इस स्टेडियम को चुना।
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी एसीबी की तरफ से आए बयान में कहा गया है, “हमने भारत में तीन संभावित स्थानों पर विचार किया – बेंगलुरु, कानपुर और ग्रेटर नोएडा। दुर्भाग्य से, बीसीसीआई के घरेलू मैचों के कारण अन्य दो स्टेडियम उपलब्ध नहीं थे, और यूएई की अत्यधिक गर्मी की वजह से इस टेस्ट मैच की मेजबानी वहां करना सही नहीं था। न्यूजीलैंड के व्यस्त कार्यक्रम को देखते हुए, हमने यह सुनिश्चित करने के लिए ग्रेटर नोएडा को चुना कि यहां महत्वपूर्ण मैच आयोजित हो जाएगा।”
एसीबी की ओर से जारी की गई मीडियी रिलीज में कहा गया है, “भारत में अभी मानसून है और लगातार बारिश ने भारत की घरेलू प्रतियोगिताओं को भी प्रभावित किया है। हम मौसम को नियंत्रित नहीं कर सकते, लेकिन बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) ने हमें अतिरिक्त मशीनरी प्रदान की है और खेल शुरू करने के लिए परिस्थितियों को आदर्श बनाने के लिए आगे के प्रयास जारी हैं। दिल्ली क्रिकेट स्टेडियम के क्यूरेटर और ग्राउंड स्टाफ के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश ने भारत की घरेलू प्रतियोगिताओं को भी बाधित किया है।”
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने बताया, “ग्राउंड स्टाफ कड़ी मेहनत कर रहा है और हमें उम्मीद है कि बारिश रुक जाएगी और दोनों टीमें बचे हुए तीन दिनों में मैच खेल सकेंगी।” बता दें कि इस स्टेडियम को बीसीसीआई ने बैन किया हुआ है, लेकिन अब यहां अफगानिस्तान ने इंटरनेशनल मैच खेलने का फैसला किया। इस स्टेडियम का ड्रेनेज सिस्टम अच्छा नहीं है। यही कारण है कि कई जगहों पर पानी भर गया, जिसके कारण मैच शुरू नहीं हुआ। प्रैक्टिस मैदान से घास को लाकर मुख्य मैदान में कुछ जगह लगाया गया है। अब देखना ये है कि क्या तीसरे मैच होगा या नहीं।
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