नई दिल्ली/इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के शीर्ष नेता ने दावा किया है कि पाकिस्तान की सेना बेहद कमजोर है और वो भारत (India) से युद्ध की सूरत में 24 घंटे भी नहीं टिक पाएगी. पाकिस्तान के इस शीर्ष धार्मिक राजनीतिक नेता का नाम है फजलुर रहमान (Fazlur Rahman) और वो धार्मिक-राजनीतिक संगठन जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम(JUI-F) के अध्यक्ष हैं.
मौलाना फजलुर रहमान के बयान के बाद देश में राजनीतिक घमासान छिड़ गया. इमरान खान (Imran Khan) की सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी (Fawad Choudhary) जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUI-F) के मौलाना फजलुर रहमान के उस बयान पर भड़के उठे. उन्होंने कहा कि मौलाना ने ऐसा बयान देकर देश के लिए अपनी जान देने वाले शहीदों का अपमान किया है. चौधरी ने जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम के प्रमुख को ऐसा गैर जिम्मेदाराना बयान देने से बचने की हिदायत दी है. मंत्री ने याद दिलाया कि यह वही मौलाना हैं जिन्होंने पाकिस्तान की सेना की क्षमताओं के बारे में संशय व्यक्त किया था और कहा था कि तालिबान देश की राजधानी के करीब पहुंच गया है.
डॉन के मुताबिक, फवाद चौधरी ने कहा कि राजनीतिक वजहों से राष्ट्रीय संस्थानों पर हमला करना बहुत निंदनीय है. फवाद चौधरी ने मौलाना फजलुर रहमान पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मौलाना फजलुर रहमान उम्रदराज नेता हैं. वह शायद बिलावल भुट्टो-जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी में अपनी ‘बेईज्जती’ बर्दाश्त नहीं कर पाए और इसीलिए उन मुद्दों पर बात करना शुरू कर दिया है जिनके बारे में उन्हें कुछ अता-पता नहीं है. फवाद चौधरी ने कहा कि मौलाना के लिए यह बेहतर है कि वे अपने राजनीतिक अहंकार को संतुष्ट करने के लिए राष्ट्रीय हित के मामलों पर ऐसे निराधार संदेह न करें.
बता दें कि मौलाना फजलुर रहमान पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं और इमरान खान के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. इसी दौरान उन्होंने सेना को लेकर ये बयान दिया था. उन्होंने उन्होंने टीवी एंकरों के साथ कथित तौर पर ‘सीक्रेट ब्रीफिंग’ करने के लिए सेना प्रमुख की भी आलोचना की. मौलाना ने इस बात को लेकर भी चिंता जाहिर की थी कि संयुक्त अरब अमीरात में भारत-पाकिस्तान के बीच सीक्रेट बातचीत हो रही है. और ऐसा इसीलिए हो रहा है कि हम 24 घंटे भी जंग नहीं लड़ सकते.
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