नई दिल्ली। ज्योतिष (Astrology) के साथ-साथ खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए आज 13 जुलाई का दिन बेहद खास है। एक तो आज बड़े शुभ योग में आषाढ़ पक्ष की गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) पड़ रही है और दूसरी खास बात यह है कि आज इस साल का सबसे बड़ा सुपर मून भी दिखेगा और यह नजारा अपने आप में अद्भुत होगा। भारतीय समयानुसार (Indian time) इसे 13 जुलाई को रात 12 बजकर 8 मिनट पर देखा जाएगा। यह लगातार तीन दिनों तक नजर आएगा। आम तौर पर सुपर मून और पूर्णिमा एक साथ जल्दी नहीं आती हैं और ऐसा संयोग वर्षों बाद बनता है। अगला सबसे बड़ा सुपरमून 3 जुलाई 2023 में दिखाई देगा।
आज चांद धरती के सबसे ज्यादा करीब होगा, जिस वजह से चांद का आकार सामान्य आकार की तुलना में काफी बड़ा तथा ज्यादा चमकीला भी दिखाई देगा। इसे जुलाई सुपर मून या बक मून भी कहा जाता है। विज्ञान की भाषा में कहें तो आज 13 जुलाई को धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी सबसे कम रहेगी, जिस वजह से चांद का आकार बड़ा दिखाई देगा और इसलिए इस सुपरमून को बक मून (buck moon) का नाम भी वैज्ञानिकों ने दिया है । इस के नामकरण के पीछे वजह यह भी है कि जुलाई महीने के आसपास दिनों में नर हिरण (buck) के नए सींग उगते हैं और साल बीतने के साथ उनके सींग और भी बड़े व खूबसूरत होते जाते हैं।
आज का सुपर मून सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि तीन दिनों तक देखा जा सकता है। हर दिन की तुलना में कल चंद्रमा बड़ा तो दिखाई देगा ही और साथ ही ज्यादा चमकीला और गुलाबी भी नजर आएगा। कुछ लोग इसे जुलाई सुपर मून कह कर भी पुकारते हैं। ज्योतिष शोधार्थी एवं एस्ट्रोलॉजी एक विज्ञान रिसर्च पुस्तक के लेखक गुरमीत बेदी ने बताया कि ज्योतिष और धार्मिक नजरिए से आज गुरु पूर्णिमा और सुपरमून के मौके पर ग्रहों की स्थिति भी बड़ी दिलचस्प है।
शनि देव कुंभ राशि से मकर राशि में लौट आए हैं, जिससे मिथुन और तुला राशि एक बार फिर से शनि की ढैय्या की चपेट में आ गई है जबकि धनु राशि पर एक बार फिर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो गई है। इसी तरह सौरमंडल के तीन प्रमुख ग्रह शुक्र, सूर्य और बुध मिथुन राशि में युति कर रहे हैं। चन्द्रमा धनु राशि में गोचर कर रहे हैं और फिर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। मंगल व राहु मेष राशि में और गुरु मीन राशि में हैं।
आज सुपरमून होने के साथ-साथ गुरु पूर्णिमा भी है और पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का हमारे शास्त्रों में विशेष महत्व बताया गया है। हमारे शास्त्रों में यह उल्लेख किया गया है कि पूर्णिमा पर चंद्रमा पूरी कलाओं के साथ दिखाई देता है और इस दिन चांद से निकलने वाली किरणें अमृत के समान होती हैं। बहुत से लोग अपनी कुंडली में बने चंद्र दोष को दूर करने के लिए भी इस दिन विधिवत तरीके से चंद्रमा की पूजा अर्चना करते हैं । पूर्णिमा पर चंद्रदेव को कच्चे दूध में मिश्री और चावल मिलाकर अर्पित करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दौरान 108 बार ऊँ सों सोमाय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved