- लोकशक्ति पर भी स्वागत को लेकर बैठक-सुराना पैलेस, दशहरा मैदान से लेकर छत्रीचौक तक सैकड़ा मंच लगेंगे
- दशहरा मैदान से शुरू होगी दोपहर 3 बजे महारैली-आज से ही तैयारी शुरु
उज्जैन। नवागत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव कल शनिवार को दोपहर में उज्जैन पहुँचेंगे। यह पूरे उज्जैन के लिए गौरव का विषय है और आम जनता द्वारा भी अपने मुख्यमंत्री का स्वागत करने की तैयारी की जा रही है। दोपहर 3 बजे दशहरा मैदान से रैली प्रारंभ होगी और छत्रीचौक पहुँचेगी। झेड प्लस सुरक्षा होने के कारण मुख्यमंत्री मोहन यादव रथनुमा गाड़ी में ही सवार रहेंगे और वहीं से अभिवादन स्वीकार करेंगे।
नगर भाजपा अध्यक्ष विवेक जोशी ने बताया कि कल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उज्जैन आ रहे हैं। यह शहर के लिए गौरवशाली क्षण है वे उज्जैन के विधायक हैं और मुख्यमंत्री बने हैं। मीडिया प्रभारी दिनेश जाटवा के अनुसार श्री जोशी ने कहा कि हम सब का दायित्व बनता है कि उनके नगर आगमन पर भव्य स्वागत करें एवं इसमें आमजन की सहभागिता अधिक से अधिक हो इसके प्रयास जारी रखें तथा यह स्वागत रैली ऐतिहासिक होगी। स्वागत रैली कल दोपहर 3 बजे दशहरा मैदान से प्रारंभ होगी जो कि सुराना पैलेस होटल, कंट्रोल रूम तिराहा, वर्षा झोन कार्नर, फ्रीगंज गुरुद्वारा, निखार फैशन से दायीं ओर शहीद पार्क सर्कल, टॉवर चौक, तीन बत्ती चौराहा, सिंधी कॉलोनी तिराहे से बायीं ओर, विवेकानंद कॉलोनी, लोटी स्कूल चौराहा, धन्नालाल की चाल, फ्रीगंज ब्रिज, चामुण्डा माता चौराहा, देवासगेट, मालीपुरा, दौलतगंज, नई सड़क, कंठाल चौराहा, सराफा, छत्री चौक पर समापन होगा। मुख्यमंत्री की झेड प्लस सुरक्षा रहेगी और इस कारण वे एक स्वागत रथ में ही रहकर आम जनता का अभिवादन स्वीकार करेंगे। इसे लेकर कल समाज प्रमुखों के साथ भाजपा नेताओं ने बैठक की और तैयारी तथा कार्यक्रम की रूपरेखा पर विचार विमर्श किया। मुख्यमंत्री के स्वागत को लेकर भारतीय जनता पार्टी के साथ ही पूरे नगर के समाज के लोग भी डॉ. यादव के स्वागत की तैयारी कर रहे हैं। इसी के साथ शहर की सभी सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ ही खेल समितियां भी अपने-अपने स्तर पर स्वागत करेंगी। मीडिया प्रभारी दिनेश जाटवा ने बताया कि उत्तर के विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा के आह्वान पर समाज प्रमुखों की बैठक आयोजित की गई, जिसमें शहर के अनेक समाज प्रमुखों ने अपनी सहभागिता कर उत्साहित मन से लाडले मुख्यमंत्री मोहनजी के स्वागत की तैयारी में जुट जाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से रूप पमनानी, सरदार सुरेंद्र सिंह अरोड़ा, अभय जैन मामा, पंडित गुलाट गुरु, राजकुमार जटिया, हजारीलाल मालवीय, बादल सिंह चौहान, गिरीश शास्त्री आदि उपस्थित थे।