इंदौर। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा अनुरूप इंदौर मेट्रो पॉलिठीन अथॉरिटी की प्रक्रिया आवास एवं पर्यावरण और नगर तथा ग्राम निवेश ने शुरू की है, वहीं इंदौर विकास प्राधिकरण को इसका जिम्मा सौंपा गया है, जिसने इंदौर की ही निजी फर्म को कंसल्टेंसी का जिम्मा सौंपा है। उसी तर्ज पर भोपाल मेट्रो पॉलिटन अथॉरिटी की भी तैयारी शुरू कराई गई है। कल प्रमुख सचिव संजय शुक्ला और संचालक नगर तथा ग्राम निवेश श्रीकांत बनोठ ने इस बारे में चर्चा भी की, जिसमें इंदौर-भोपाल के अधिकारी भी शामिल हुए। प्राधिकरण मेट्रो पॉलिटन अथॉरिटी का जो प्रारुप तैयार करेगा वह चार चरणों में पूरा होगा और इंदौर के साथ-साथ देवास, धार, उज्जैन की 19 तहसीलों के साथ 32 नगरीय क्षेत्र
शामिल रहेंगे।
एक तरफ इंदौर के मास्टर प्लान 2041 को अमल में लाने की प्रक्रिया भी चल रही है। हालांकि नगर तथा ग्राम निवेश ने इसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली है। बस शासन की हरी झंडी का इंतजार है। इंदौर का मास्टर प्लान चूंकि हमेशा विवादित और जमीनी जादूगरों के चंगुल में रहा है, जिसमें रसूखदारों के साथ राजनीतिक हस्तक्षेप भी कम नहीं रहता। यही कारण है कि आसानी से मास्टर प्लान अमल में नहीं आ पाता है। वर्तमान प्लान ही 2008 तक के लिए बनाया था। मगर 16 साल बाद भी नया प्लान नहीं लाया जा सका। यही स्थिति भोपाल की है। वहां भी पिछले 20 सालों से मास्टर प्लान आया ही नहीं। सूत्रों का कहना है कि इंदौर के मास्टर प्लान को मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलने के बाद उसका प्रारुप प्रकाशन किया जा सकेगा। दूसरी तरफ मेट्रो पॉलिटन अथॉरिटी के गठन की प्रक्रिया भी चल रही है। हालांकि इसका भी मॉडल क्या होगा यह फिलहाल तय नहीं है। हैदराबाद, बैंगलुरु से लेकर उत्तरप्रदेश और कई बड़े शहरों में जो अथॉरिटी है उन सभी का अध्ययन भी किया जा रहा है।
दूसरी तरफ इंदौर विकास प्राधिकरण को इसका जिम्मा सौंपा गया है। उसके मुताबिक चार चरणों में उसकी प्रक्रिया पूरी होगी। पहले चरण में इन्सेप्शन, दूसरे चरण में सिचुएशन एनालिसीस, तीसरे चरण में रीजनल डवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट प्लान बनेगा और चौथे चरण में जो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट हैं उनकी डीपीआरएस तैयार की जाएगी। इंदौर की तरह ही अब भोपाल की मेट्रो पॉलिटन अथॉरिटी को तैयार करने का भी निर्णय लिया गया है, जिसके चलते कल भोपाल में प्रमुख सचिव संजय शुक्ला और अन्य आला अधिकारियों ने बैठक ली, जिसमें भोपाल प्राधिकरण, नगर तथा ग्राम निवेश के अलावा इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ आरपी अहिरवार भी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर इंदौर मेट्रो पॉलिटन एरिया में चार जिलों को शामिल किया जा रहा है। इंदौर के अलावा, देवास, उज्जैन, पीथमपुर भी इसमें जुड़ेंगे और कुल 1150 गांवों की 8656 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्रफल इसमें शामिल रहेगा। यानी इंदौर का दायरा 50 किलोमीटर तक बढ़ जाएगा। 4 जिलों की 19 तहसीलों के जो 1150 गांव इसमें शामिल किए जा रहे हैं उसमें उज्जैन जिले में कोठी महल के 7 गांव और उज्जैन नगर के 124 गांवों के अलावा इंदौर के भिचौली हब्सी के 24, देपालपुर के 144, हातोद के 56, इंदौर तहसील के 12, कनाडिय़ा के 28, खुड़ैल के 45, मल्हारगंज तहसील के 13 गांवों के अलावा महू के 107, राऊ के 23, सांवेर के 118 और देवास के बागली के 18 और देवास तहसील के 140, देवास नगर के 11, हाटपीपल्या के 24, इसी तरह धार तहसील के 145 और पीथमपुर के 111, इस तरह कुल 1150 गांव और उनमें आने वाले 32 नगरीय क्षेत्र इसमें शामिल रहेंगे।
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