बेगूसराय । वर्ष 2022 तक किसानों और पशुपालकों की आय दोगुना करने में लगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार 10 सितम्बर को बिहार के पशुपालकों को बहुत बड़ा तोहफा देने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय गोकुल मिशन कार्यक्रम के तहत बरौनी डेयरी के क्षेत्राधिकार के लिए शॉर्टेड सेक्स सीमेन तकनीक पर आधारित कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे। यह तकनीक बिहार के दुग्ध उद्योग में एक नई क्रांति का आगाज करेगा।
प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किए जाने के बाद यह योजना शुरू हो जाएगी तथा इससे ना सिर्फ बेगूसराय के पशुपालक, बल्कि बरौनी डेयरी से जुड़े खगड़िया जिला, लखीसराय जिला एवं पटना जिला के बाढ़ अनुमंडल के पशुपालक भी लाभान्वित होंगे। प्रथम चरण में इस योजना के लिए बेगूसराय जिला के 60 गांवों को चिन्हित किया गया है। इस प्रथम चरण में 50 हजार डोज बिहार के लिए तैयार किया गया है, जिसमें से छह हजार डोज बरौनी डेयरी को दिया गया है। इसी के माध्यम से योजना संचालित किया जाना है।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ दिलाने के लिए 15 लीटर से अधिक दूध देने वाली देसी गाय को चिन्हित किया गया है। इस सीमेन से गर्भाधान के लिए बछिया या एक बार बच्चा दे चुकी गायों को चिन्हित किया जा रहा है, ताकि उस गाय के अगले जनरेशन में सुधार हो। इसके लिए 120 कर्मी को प्रशिक्षण देकर एक्सपर्ट किया जा रहा है। गर्भाधान कराए जाने में आने वाली लागत का बड़ा हिस्सा केन्द्र सरकार वहन करेगी। सीमेन की लागत 860 रुपया है, जिसमें से 550 केंद्र सरकार वहन करेगी तथा 310 रुपया पशुपालक को भुगतान करना होगा।
इस सिमेन के माध्यम से गाय ना सिर्फ बछिया देगी, बल्कि इन वर्टियो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) के तहत एक गाय 25 से 30 बच्चा भी देगी। किसानों के लिए एक मोबाइल वैन रहेगा, जो आईवीएफ के लिए जागरूक करेगा। देसी गाय आईवीएफ के माध्यम से सौ बच्चा भी पैदा कर सकती है। 15 लीटर से अधिक दूध देने वाली देसी गाय के अंडे से एंब्रियो बनाया जाएगा और सरोगेट मदर की तरह गाय एंब्रियो से बच्चा देगी।
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