इंदौर।अनलॉक के साथ ही ठप पड़े विकास कार्यों को गति देने के प्रयास भी जनप्रतिनिधियों-अधिकारियों द्वारा किए जा रहे हैं। पिछले तीन-चार दिनों से बंगाली ओवरब्रिज का मुद्दा सुर्खियों में है और काम भी ठप पड़ा है, क्योंकि लोक निर्माण विभाग की डिजाइन में त्रुटि बताते हुए जनप्रतिनिधियों ने काम रूकवा दिया है। दूसरी तरफ 325 करोड़ के एलिवेटेड ब्रिज डिजाइन का भी कोई हल नही ंनिकला। लिहाजा कल प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग इंदौर आ रहे हैं।
बंगाली ओवरब्रिज को लेकर कल भी प्रभारी मंत्री, विशेषज्ञों और अफसरों की बैठक हुई। उसके पहले लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव से भी मंत्री और विधायक ने भोपाल जाकर चर्चा की। वहीं विधायक महेन्द्र हार्डिया, प्राधिकरण पूर्व अध्यक्ष मधु वर्मा, अपर कलेक्टर पवन जैन, प्राधिकरण सीईओ विवेक श्रोत्रिय, निगम प्रभारी आयुक्त संदीप सोनी और लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता बीके चौहान, अधीक्षण यंत्री एके जोशी सहित अन्य मौजूद रहे। दरअसल ओवरब्रिज के निर्माण में पिलर की बाधा है, जिसके चलते काम रूका पड़ा है। वहीं अब इस्पान चौड़ा करने की मांग की जा रही है, ताकि भविष्य में भी यातायात अवरुद्ध ना हो। इसी तरह बीआरटीएस कॉरिडोर पर एलिवेटेड ब्रिज का निर्माण लोक निर्माण विभाग को करना है। 325 करोड़ रुपए के इस एलिवेटेड ब्रिज की मंजूरी केन्द्र सरकार दो साल पहले ही दे चुकी है, जब कांग्रेस की सरकार में लोक निर्माण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा थे। लेकिन इसकी डिजाइन को लेकर भी अभी तक कोई रास्ता नहीं निकला है। एलआईजी चौराहा से नवलखा के बीच बनने वाले इस ब्रिज को लेकर कई बार सर्वे हो चुका है। अब कल लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई इंदौर आ रहे हैं और जनप्रतिनिधियों-अधिकारियों के साथ बैठक कर फैसला किया जाएगा।
इंदौर के प्रस्तावित मास्टर प्लान को लेकर भी हलचल शुरू
पिछले दिनों इंदौर के प्रस्तावित मास्टर प्लान को लेकर भी तैयारी शुरू हुई और मुख्यमंत्री के समक्ष कलेक्टर ने भी प्रेजेंटेशन दिया था। मगर अभी दूसरे लॉकडाउन के चलते यह प्रक्रिया भी ठप पड़ गई। कल भोपाल जाकर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह से पूर्व विधायक और वरिष्ठ भाजपा नेता गोपीकृष्ण नेमा ने मुलाकात की और कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी सौंपे, जिसमें हरियाली को बढ़ाने का अनुरोध भी उनके द्वारा किया गया।
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