धार्मिक मान्यता के अनुसार हर माह में एक बार अमावस्या पड़ती है। हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। इस समय सावन का महीना चल रहा है। सावन में पड़ने वाली अमावस्या को सावन या श्रावण अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस बार सावन महीनें की अमावस्या कल यानि 8 अगस्त को पड़ रही है । सावन का महीना भगवान शंकर को समर्पित होता है। सावन अमावस्या (Sawan Amavasya ) के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती की पूजा करने से सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन विष्णु भगवान (Lord Vishnu) की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्य के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं सावन अमावस्या की पूजा विधि, महत्व व शुभ मुहूर्त के बारें में…..
सावन अमावस्या मुहूर्त
श्रावण, कृष्ण अमावस्या प्रारम्भ – अगस्त 07, शाम 07:11 से शुरू
श्रावण, कृष्ण अमावस्या समाप्त – अगस्त 08 07:19 रात तक
श्रावण अमावस्या का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है। इस पावन तिथि पर पितर संबंधित कार्य करने से पितरों का आर्शीवाद प्राप्त होता है। इस पावन दिन दान करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है।
जानें पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इस दिन पवित्र नदी या सरवोर में स्नान करने का महत्व बहुत अधिक होता है, लेकिन इस समय कोरोना वायरस की वजह से घर से बाहर जाने से बचें। इस समय घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। सूर्य देव को अर्घ्य दें। अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें। इस दिन पितर संबंधित कार्य करने चाहिए। पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें। इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें। इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा (worship) का विशेष महत्व होता है। इस दिन विधि- विधान से भगवान शिव की पूजा- अर्चना भी करें।
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