पुत्रदा एकादशी रविवार को होने से इस दिन सूर्य देव की भी पूजा खासतौर से करनी चाहिए। इस दिन व्रत और पूजा करने से संतान की इच्छा रखने वाले लोगों की मनोकामना पूरी होती है।
पौष महीने में भगवान विष्णु और सूर्य पूजा का महत्व
– हिंदू कैलेंडर के पौष महीने के देवता भगवान विष्णु और सूर्य हैं। इस महीने में भगवान सूर्य की भग रूप में दिवाकर नाम से पूजा करनी चाहिए। इससे सेहत अच्छी रहती है और उम्र भी बढ़ती है।
– खगोलीय नजरिये से देखा जाए तो इस महीने में सूर्य की रोशनी धरती के उत्तरी गोलार्द्ध पर ज्यादा देर तक रहती है। इसलिए इन दिनों सूर्य पूजा का बहुत महत्व है।
– पौष महीने में भगवान विष्णु के नारायण रूप की पूजा का विधान ग्रंथों में बताया गया है। भगवान राम और श्रीकृष्ण भी नारायण रूप के अवतार थे। इसलिए पुत्रदा एकादशी का व्रत खास माना जाता है।
इस विधि से करें पुत्रदा एकादशी का व्रत व पूजन
– पुत्रदा एकादशी की सुबह स्नान आदि करने के बाद किसी साफ स्थान पर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद शंख में जल लेकर प्रतिमा का अभिषेक करें।
– भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाएं। चावल, फूल, अबीर, गुलाल, इत्र आदि से पूजा करें। इसके बाद दीपक जलाएं।
– दिन भर कुछ खाएं नहीं। संभव न हो तो एक समय भोजन कर सकते हैं। रात को मूर्ति के पास ही जागरण करें। भगवान के भजन गाएं।
– अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं। इसके बाद ही उपवास खोलें। इस तरह व्रत और पूजा करने से योग्य संतान की प्राप्ति होती है।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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