इंदौर। देशभर में टमाटर की बंपर फसल का उत्पादन हो रहा है। किसानों ने भी पिछले वर्ष दामों को तेजी पर चढ़ते देखा तो दो से तीन गुना रकबे में टमाटर की फसल लगा दी। पिछले वर्ष 100 से 160 रु. किलो तक बिकने वाला टमाटर आज किसानों को मंडी तक पहुंचाने का भाड़ा भी नहीं दिला पा रहा है। इंदौर की थोक मंडी में टमाटर के दाम 2 से 5 किलो चल रहे हैं।
इंदौर के आसपास के100 से 125 किलोमीटर के साथ शिवपुरी में टमाटर की बंपर पैदावार हो रही है। अकेले मध्यप्रदेश में ही डेढ़ लाख कैरेट टमाटर खेतों में तैयार है, लेकिन मंडियों में दाम लुढक़ने से किसानों का गाड़ी भाड़ा नहीं निकल रहा और किसान टमाटर की तुड़वाई भी इस समय नहीं कर रहे हैं। यह हाल महाराष्ट्र, उत्तर व दक्षिण भारत का भी है। यहां भी किसानों ने बंपर टमाटर की फसल लगा रखी है। देशभर में टमाटर के खरीदार नहीं मिल रहे हैं, इसलिए किसान की लागत नहीं निकल पा रही है।
जूस कंपनियां भी फुल
टमाटर के दाम जब भी लुढक़ते हैं तो जूस कंपनियां बाजार से माल उठाना शुरू कर देती हैं, लेकिन इस बार जूस कंपनियों ने दामों में गिरावट और बंपर उत्पादन को देखते हुए अपने हाथ खींच लिए हैं।
इंदौर मंडी में माल रखने की समस्या
सांई ट्रेडिंग कंपनी के योगेश विरहे ने बताया कि इंदौर में 10000 कैरेट टमाटर की आवक हो रही है, जबकि इंदौर में 5 से 6 हजार कैरेट ही रोजाना खपत होती है और अब उपभोक्ता भी टमाटर लेने से कतरा रहा है। इंदौर की थोक मंडी में 2 से 5 रुपए किलो टमाटर बिक रहा है, वहीं बेस्ट क्वालिटी का सीमित माल 7 रु. किलो तक बेचा जा रहा है। ठेलों और खेरची में टमाटर 5 से 8 रुपए किलो आम उपभोक्ता को मिल रहा है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved