भोपाल। मुरैना जिले में पांच विधानसभाओं में उपचुनाव हैं। यह सभी विधानसभा केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र की हैं, लेकिन नरेंद्र सिंह तोमर सिर्फ एक सीट अंबाह विधानसभा क्षेत्र में ही अपनी पूरी ताकत झौंके हुए हैं। अंबाह विधानसभा सीट को तोमर ने अपनी प्रतिष्ठा का सवाल ऐसा बनाया कि सुबह 10 बजे से रात 12 बजे तक कस्बे से लेकर गांव-गांव जाकर नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं। तोमर ने खुद के चुनाव में जिन गांवों के रास्ते नहीं देखे, वहां की गलियों में पैदल घूमते नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि, 20 अक्टूबर को नगरा कस्बे में हुई चुनावी सभा मेंं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अंबाह सीट के चुनाव को केंद्रीय मंत्री तोमर की प्रतिष्ठा से जोड़ दिया था। मुख्यमंत्री ने अपने भाषणों में कहा कि अगर यहां हार गए तो मोदी के बगल में बैठने वाले तोमर की इज्जत और प्रतिष्ठा का क्या होगा? गौरतलब है कि नरेंद्र सिंह तोमर अंबाह विधानसभा क्षेत्र की रजौधा पंचायत के औरेठी गांव के मूल निवासी हैं। मुख्यमंत्री के भाषणों की इस लाइन ने भाजपा के स्टार प्रचारक नरेंद्र सिंह तोमर के चुनाव का शेड्यूल ही बदल दिया। बीते चार दिन से हालत यह है कि नरेंद्र सिंह तोमर सुबह 10 से रात 12 बजे तक जनसंपर्क करते नजर आ रहे हैं। एक दिन में 15 से 20 गांवों में जा रहे हैं और 8 से 10 गांवों में नुक्कड़ सभाएं कर रहे हैं। जिस इलाके में जिस समाज के ज्यादा वोटर हैं वहां प्रचार के लिए भाजपा के किसी न किसी बड़े नेता को बुला रहे हैं।
राह के कुछ रोड़े हटा दिए, कुछ को मनाने में जुटे
अंबाह के चुनाव में भाजपा की मुश्किलें कांग्रेस से ज्यादा उन निर्दलीय प्रत्याशियों ने बढ़ा दी जो भाजपा से बगावत करके निर्दलीय मैदान में कूद गए। भाजपा से तीन बार विधायक रहे बंशीलाल जाटव सपा के टिकट पर चुनाव लडऩे उतरे जिन्हें, नरेंद्र सिंह तोमर ने चुनाव के बाद लालबत्ती दिलाने का भरोसा दिलाकर साइकल से उतारकर फिर भाजपा खेमे में ले आए। अब सबसे बड़ी मुश्किल निर्दलीय प्रत्याशी अभिनव छारी है। भाजपा में नरेंद्र सिंह तोमर और उनके बेटे रामू भैया के खासमखास अभिनव छारी सबसे ज्यादा सेंध भाजपा के वोट बैंक में ही लगा रहे हैं। अभिनव को मनाने नरेंद्र सिंह ने पूरी ताकत झोंक रखी है। बुधवार को नरेंद्र सिंह के बेटे रामू भैया भी अभिनव को मनाने मुरैना आए, लेकिन वह नहीं माने। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार दो दिन पहले श्री तोमर ने फोन पर अभिनव छारी को बेटे समान बताकर खूब खरी-खोटी सुना डालीं, फिर भी अभिनव मानने तैयार नहीं।
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