भोपाल। प्रदेश में निकट भविष्य में 27 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होना है। इनमें से 16 सीट ग्वालियर-चंबल संभाग की हैं, जहां दोनों दलों को ज्यादा फोकस है। भाजपा ने ग्वालियर-चंबल की सीटों पर उपचुनाव की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा को सौंप दी है। हाल ही में दोनों नेताओं ने ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर जिले की उपचुनाव क्षेत्र के नेता और कार्यकर्ताओं से वन-टू-वन चर्चा कर मन टटोला है। जो नेता अभी तक उपचुनाव को लेकर सक्रिय नहीं थे, उन्हें भी चुनाव में सक्रिय कर दिया है। केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा दोनों ही उसी क्षेत्र से आते हैं। शर्मा मूलत: मुरैना जिले के रहने वाले हैं और तोमर ग्वालियर से हैं। वे ग्वालियर और मुरैना संसदीय क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। मुरैना से वे दूसरी बार सांसद हैं। विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा ने एक बार फिर केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को चुनाव प्रबंधन की कमान सौंप दी है। खास बात यह है कि उपचुनाव में भाजपा नेताओं से संपर्क साधने और रूठों को मनाने के दायित्व से पार्टी ने राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को अलग रखा है। सिंधिया पार्टी नेताओं से मिल रहे हैं। पार्टी के आयोजनों में शामिल हो रहे हैं। वे सिर्फ अपने समर्थक और कांगे्रस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं से ज्यादा संपर्क में हैं।
तोमर-शिवराज के बीच जबर्दस्त समन्वय
केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच बेहतर समन्वय है। यही वजह है कि तोमर के प्रदेशाध्यक्ष और शिवराज के मुख्यमंत्री रहते भाजपा ने 2008, 2013 का विधानसभा चुनाव और 2009, 2014 का लोकसभा चुनाव लड़े। इन चारों बड़े चुनावों में भाजपा को रिकॉर्ड जीत मिली थी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और तोमर की जोड़ी एक बार फिर उपचुनाव में सक्रिय होने जा रही है। हालांकि इस बार प्रदेशाध्यक्ष की कमान वीडी शर्मा के हाथ में है। शर्मा मूलत: मुरैना के हैं। ग्वालियर-चंबल की ज्यादा से ज्यादा सीट जीतने की कोशिश उनकी भी है।
दोनों ने नेता और कार्यकर्ताओं का टटोला मन
कांगे्रस के पूर्व विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद ग्वालियर-चंबल के कुछ भाजपा नेता अभी भी खफा हैं। पिछले महीने भाजपा के सदस्यता महाअभियान के दौरान ज्यादातर नेताओं को सीएम शिवराज, तोमर और वीडी शर्मा की जोड़ी ने मना लिया है। जो नेता अभी भी खफा हैं, तोमर और वीडी ने उनसे चर्चा कर मन टटोला है। ऐसे नेताओं को उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में उतरने के लिए तैयार कर लिया है।
तोमर सबसे ज्यादा जनाधान वाले नेता
ग्वालियर-चंबल में 16 सीटों पर उपचुनाव होना है। इनमें मुरैना जिले की पांच विधानसभा सीट जौरा, मुरैना, दिमनी, अंबाह और सुमावली है। ग्वालियर जिले की तीन विधानसभा सीट डबरा, ग्वालियर एवं ग्वालियर पूर्व पर चुनाव होना है। शिवपुरी जिले की पोहरी एवं करैरा विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है। मुरैना जिले में उपचुनाव वाली पांच सीट मुरैना संसदीय क्षेत्र और ग्वालियर एवं शिवपुरी जिले की उपचुनाव वाली 5 विधानसभा सीट ग्वालियर संसदीय क्षेत्र में आती हैं। तीनों जिलों की 10 विधानसभा सीटों पर नरेन्द्र सिंह तोमर की भाजपा में सबसे ज्यादा मजबूत पकड़ है। क्योंकि वे दोनों संसदीय क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं। यही वजह है कि भाजपा ने उपचुनाव में चुनाव प्रबंधन की कमान तोमर को सौंपी है। मुरैना जिले की जौरा विधानसभा सीट को छोड़कर भाजपा की अन्य सीटों पर प्रत्याशी लगभग तय हैं। एक-दो सीट पर कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं के उपचुनाव लडऩे से इंकार करने पर पार्टी टिकट बदल सकती है। इन सीटों पर प्रत्याशी भी तोमर तय करेंगे। इसके अलावा भिंड जिले की दो विधानसभा सीट मेहगांव और गोहद पर उपचुनाव होना है। दतिया जिले की भांडेर सीट भी खाली है। इन सीटों पर भी केंद्रीय मंत्री तोमर की पकड़ है। पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेश में उपचुनाव 27 विधानसभा सीटों पर है। तोमर सभी सीटों पर चुनावी सभाएं करेंगे, लेकिन उनका फोकस ग्वालियर-चंबल संभाग की 16 सीटों पर ज्यादा रहेगा। खासकर ग्वालियर, मुरैना, भिंड एवं शिवपुरी जिले की सीटों पर ज्यादा समय देंगे।
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