नई दिल्ली। अगर नई योजना लागू हुई तो जाम लगने पर आपको नैशनल हाइवेज पर टोल नहीं चुकाना होगा। टोल प्लाजा की हर लेन पर एक अलग रंग की लाइन बनाई जाएगी। अगर जाम लगा और गाड़ियों की कतार इस लाइन को छू गई तो टोल ऑपरेटर को उस लेन का गेट खोलना होगा।
फिर उस लेन से सभी गाड़िया बिना टोल चुकाए जा सकेंगी। सूत्रों के मुताबिक, इस बारे में योजना तैयार की जा रही है। ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री को लगातार रिपोर्ट्स मिल रही थीं कि टोल चार्ज देने के लिए फास्टैग के बढ़े इस्तेमाल के बावजूद जाम लग रहा है। इसके बाद मिनिस्ट्री ने सभी टोल प्लाजा और वहां लगने वाली कतारों की रियल टाइम मॉनिटरिंग शुरू की।
टॉप लेवल पर सख्त मॉनिटरिंग हो रही है। जबसे सरकार ने टोल चुकाने के लिए फास्टैग का इस्तेमाल अनिवार्य करने के बाद निर्बाध यात्रा का वादा किया है तबसे हमें निर्देश दिए गए हैं कि टोल प्लाजा से गुजरने में यात्रियों को कोई परेशानी न हो।
अब नहीं चलेगा जाम का बहाना
पिछले कुछ दिन से अधिकारियों की फौज टोल प्लाजा पर ट्रैफिक मैनेजमेंट का सुपरविजन और एनालिसिस कर रही है। इनमें रीजनल ऑफिसर्स से लेकर जनरल मैनेजर्स और चीफ मैनेजर्स तक शामिल हैं। उनमें से एक ने कहा, “फास्टैग से होने वाला लेन-देन 60-70% से बढ़कर 90% तक हो गया है, यहां तक कि दूर-दराज के इलाकों में भी। तो अब हम टोल प्लाजा पर जाम के लिए कोई बहाना देकर नहीं बच सकते।”
अधिकारियों के मुताबिक लाइन कहां बनाई जाएगी, वो दूरी हर प्लाजा के लिए अलग-अलग होगी। इसके लिए उस प्लाजा के ट्रैफिक फ्लो और लेन्स की संख्या को ध्यान में रखा जाएगा। इस बीच, कुछ यात्रियों ने शिकायत की है कि उन्हें 24 घंटों के भीतर रिटर्न जर्नी पर डिस्काउंट नहीं मिल रहा है। ऐसे में उन्हें दोनों तरफ के लिए पूरा टोल चुकाना पड़ रहा है।
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