नई दिल्ली । सड़कों पर लगे टोल प्लाजा (Toll Plaza)आम जनता(General public) से करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। सरकार (Government)की तरफ से लोकसभा(Lok Sabha) में इस बात की जानकारी दी गई। इसके मुताबिक ऐतिहासिक ग्रांड ट्रंक रोड पर स्थित एक टोल प्लाजा, दिल्ली मुंबई हाई वे पर स्थित एक टोल प्लाजा और भारत के सबसे लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक टोल प्लाजा देश के सबसे कमाऊ टोल एकत्र करने वाले प्लाजास् में शामिल हैं। इतना ही नहीं यह प्लाजा पिछले पांच सालों में हजार करोड़ से ज्यादा की कमाई कर चुके हैं। यह तब है जब कोविड की वजह से शुरुआती सालों में व्यापार और आवाजाही ठप्प रही थी।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 20 मार्च को लोकसभा में दी जानकारी के मुताबिक गुजरात के एनएच-48 के वडोदरा-भरूच हिस्से पर लगा भरथना प्लाजा देश का सबसे कमाऊ प्लाजा है। इसने पिछले पांच सालों में 2 हजार करोड़ से ज्यादा का टैक्स वसूला है। इसमें सबसे ज्यादा टोल कलेक्शन वित्तीय वर्ष 23-24 में हुआ, जब प्लाजा ने 472.65 करोड़ रुपए वसूले। दूसरे नंबर पर राजस्थान में शाहजहांपुर टोल प्लाजा है, जो दिल्ली को मुंबई से जोड़ने वाले एनएच-48 के गुड़गांव कोटपुतली-जयपुर खंड पर स्थित है। जारी किए गए डाटा के अनुसार पिछले पांच सालों में इस टोल प्लाजा पर 1884.46 करोड़ रुपए का टैक्स एकत्र किया गया है।
इसके अलावा देश के सबसे कमाऊ टोल प्लाजा की लिस्ट में पश्चिम बंगाल के एनएच 16 के धनकुनी खड़गपुर खंड पर स्थित जलाधुलागोरी प्लाजा तीसरे नंबर पर आता है। इस प्लाजा ने इन पांच सालों में 1500 करोड़ से ज्यादा का टोल एकत्र किया है। यह राजमार्ग भारत के पूर्वी तट के साथ चलता है और स्वर्णिम चतर्भुज योजना का हिस्सा है।
देश के चौथे सबसे कमाऊ टोल प्लाजा के रूप में श्रीनगर को कन्याकुमारी से जोड़ने वाले एनएच44 के पानीपत-जालंधर खंड पर स्थित घरौंदा टोल प्लाजा का नाम आता है। पिछले पांच सालों में इसका कुल राजस्व 1300 करोड़ रुपए से ज्यादा का है।
इसके अलावा सरकार की तरफ से गुजरात में एनएच-48 के भरूच-सूरत खंड पर चोर्यासी, राजस्थान एनएच-48 के जयपुर-किशनगढ़ खंड पर ठिकारिय प्लाया, तमिलनाडु में एनएच-44 के कृष्णागिरी थुंबीपदी खंड पर एलएंडटी कृष्णगिरी थोपुर, उत्तर प्रदेश में एनएच-25 के कानपुर-अयोध्या खंड में नवाबगंज और बिहार में एनएच-2 के वाराणसी-औरंगाबाद खंड पर सासाराम हैं।
यह सभी ऐसे टोल प्लाजा है, जिन्होंने पिछले पांच सालों में सरकार को करोडों की कमाई करके दी है। इनमें से गुजरात, यूपी और राजस्थान के दो-दो, जबकि हरियाणा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और बिहार से एक-एक प्लाजा शामिल है। सरकार के मुताबिक इन सभी ने मिलकर पिछले 5 सालों में 13,988.51 करोड़ का टैक्स इकट्ठा किया है। यह रकम देश भर से किए गए टोल कलेक्शन का सात फीसदी है।
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