उज्जैन। इंदौर से उज्जैन को जोडऩे वाले तकरीबन 48 किलोमीटर मार्ग पर टोल कंपनी और एमपीआरडीसी की लंबी जद्दोजहद अब जाकर खत्म हुई है। 18 महीने से ठीक तरह से मरम्मत नहीं करने के चलते इस टोल का अधिग्रहण कर तकरीबन 20 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई है। यहां पर अब एमपीआरडीसी टोल वसूली करेगी। हालांकि 2024 तक टोल खत्म होना था। उज्जैन रोड पर फोरलेन बने लंबा अरसा गुजर गया है। बार-बार मरम्मत के कारण रोड की पूरी सरफेस खराब हो गई है। इस रोड पर जो टोल कंपनी कल तक टोल वसूल रही थी उसे बार-बार निर्देश के बाद भी रोड की मरम्मत व डामर की लेयर नहीं चढ़ाई गई। इसके लिए 25 बार नोटिस भी दिए गए। अब एमपीआरडीसी ने इस टोल का अधिग्रहण कर लिया है। इस 48 किलोमीटर के मार्ग पर तकरीबन 20 करोड़ रुपए की लागत से 6 महीने के अंदर मरम्मत कर डामर की लेयर चढ़ाई जाएगी। इसके लिए जल्द ही टेंडर जारी हो जाएंगे। संभवत: आला अधिकारियों ने 1 महीने में काम शुरू करने के निर्देश दिए हैं, इसलिए प्रक्रिया जल्द होगी।
बिना टोल गुजरते हैं सैकड़ों वाहन
इस मार्ग पर बस, ट्रक अन्य वाहन बिना टोल चुकाए गुजरते हैं। इसकी शिकायत लंबे समय से चल रही है। भोपाल से आला अधिकारियों का दस्ता भी कई बार जांच करने आया। अब एमपीआरडीसी के पास टोल संचालन का जिम्मा रहेगा।
अधिकारियों की लेतलाली
अधिकारियों की कमजोर मॉनीटरिंग के चलते पहले भी प्रदेश के पांच अलग-अलग मार्गों पर टोल अधिग्रहण किया गया था। हालांकि इसके लिए फिर से नई एजेंसी तय कर टोल संचालित करने के निर्देश भी जारी किए हैं। अब उज्जैन रोड का अधिग्रहण किया गया है। अगर समय रहते सही मॉनीटरिंग होती तो यह नौबत नहीं आती।
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