नई दिल्ली: आगामी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दो अजब याचिकाएं दाखिल की गईं. इनमें से एक में सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई गई थी कि वह 2007 से राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हर बार उनका आवेदन खारिज हो जाता है. ऐसे में नियम बदलकर उन्हें राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का मौका दिया जाए. दूसरी याचिका में कहा गया था कि राष्ट्रपति चुनाव के उनके नामांकन में कुछ त्रुटियां हैं, जिन्हें सुधारने का मौका दिया जाए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इन दोनों ही याचिकाओं को खारिज कर दिया.
राष्ट्रपति चुनाव के नामांकन से जुड़ी ये याचिकाएं बम बम महाराज और डॉक्टर मदान्ति रेड्डी की तरफ से दाखिल की गई थीं. अलग-अलग दाखिल इन याचिकाओं में मांग की गई थी कि उन्हें भी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने का मौका दिया जाए. बम बम महाराज ने अपनी याचिका में कहा था कि वह 2007 से चुनाव लड़ने की कोशिश कर रहे रहे हैं, लेकिन किसी न किसी तकनीकी कारण से उनका नामांकन खारिज हो जाता है. ऐसे में नामांकन से जुड़े नियमों को बदला जाना चाहिए.
वहीं, दूसरे याचिकाकर्ता मदान्ति रेड्डी ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि लोकसभा महासचिव को उनका नामांकन स्वीकार करने का निर्देश दिया जाए. रेड्डी का कहना था कि उन्होंने जो नामांकन भरा था, उसमें कुछ त्रुटियां थीं. इसीलिए उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें मांग की गई है कि इन त्रुटियों को ठीक करने का उन्हें मौका दिया जाए. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दोनों याचिकाएं खारिज कर दीं.
बता दें कि राष्ट्रपति पद के लिए 18 जुलाई को मतदान होना है और वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी. बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की तरफ से द्रौपदी मुर्मू ने नामांकन किया है, जबकि विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा मैदान में उतरे हैं. राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया 15 जून से शुरू हुई थी. नामांकन की आखिरी तारीख 29 जून है. नाम वापसी के लिए 2 जुलाई तक का समय तय किया गया है. इस चुनाव के लिए बड़ी संख्या में लोगों ने अपना नामांकन किया है.
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