नई दिल्ली । दुनिया की सबसे बड़ी खेल प्रतियोगिता यानी ओलंपिक (Olympic) खेल इस साल जुलाई में होना है. इसमें अब मात्र दो ही महीने का समय शेष है. ओलंपिक खेल तो हालांकि साल 2020 में ही होना था, लेकिन कोरोना वायरस (Corona Virus) के कारण इसे टाल दिया गया था. अब ओलंपिक इस साल होना है. अब दो महीने ही ओलंपिक के शुरू होने में बचे हैं, लेकिन अभी भी इसके टालने जाने की आशंका बनी हुई है. कोरोना वायरस के प्रभाव के बावजूद टोक्यो ओलंपिक कराने पर अडिग रहने को लेकर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के अध्यक्ष थॉमक बाक और उपाध्यक्ष जॉन कोएट्स को सोशल मीडिया (Social Media) पर जापान (Japan) के लोगों ने निशाने पर लिया है. कोएट्स ने कहा था कि टोक्यो (Tokyo) में आपातकाल जारी रहने के बावजूद 23 जुलाई से ओलंपिक का आयोजन किया जाएगा.
रिपोर्ट के अनुसार थॉमक बाक ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) की बैठक में कथित रूप से कहा था कि कुछ बलि की जरूरत है लेकिन जापान में कई लोग इसके लिए तैयार नहीं है. आईओसी ने हालांकि कहा कि बाक जापान के लोगों से बलिदान की बात नहीं कर रहे थे बल्कि उन्होंने ओलंपिक समुदाय में लोगों के लिए यह बात कही थी. स्थानीय आयोजकों का मानना है कि जापान में कोरोना की चौथी लहर के बावजूद ओलंपिक सुरक्षित तरीके से आयोजित किया जा सकता है. ओलंपिक खेलों में विदेशी प्रशंसकों को शामिल होने की अनुमति नहीं है जबकि महासंघों, प्रायोजकों और मीडिया के सीमित लोगों को ही इजाजत दी जाएगी.
इस बीच खबर ये भी है कि ओलंपिक में मदद के लिए जापान, सेना के डॉक्टरों और नर्सो को बुला सकता है. देश के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी ने मंगलवार को संसद में इसकी जानकारी दी. डीपीए रिपोर्ट के अनुसार किशी ने कहा कि उनसे टोक्यो के आयोजकों ने इस बारे में अनुरोध किया है. ओलंपिक खेलों में दो महीने का समय शेष रह गया है और जापान में टीकाकरण का काम काफी धीमा चल रहा है. ऐसे में इस काम में गति लाने के लिए सेना टोक्यो और ओसाका के वैक्सीनेशन सेंटरों में काम शुरू करेगी. ओलंपिक आयोजकों के अनुसार, खेलों के लिए रोजाना 230 डॉक्टर और 310 नर्सो की जरूरत पड़ेगी. उन्होंने कहा कि अब तक 80 फीसदी मेडिकल स्टाफ उपलब्ध हो गए हैं. जापान में कोरोना वायरस की चौथी लहर के बावजूद स्थानीय आयोजक और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ओलंपिक को कराने के लिए प्रतिबद्ध है. हाल ही में क्योदो न्यूज एजेंसी द्वारा किए गए सर्वे में पता लगा था कि जापान के 72 फीसदी लोग कोरोना महामारी के कारण ओलंपिक को रद्द या स्थगित कराने के पक्ष में हैं.
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