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Tokyo Olympics 2020: महिला हॉकी में भारत पदक से चूका, गुरजीत कौर ने नॉकआउट मुकाबलों में 4 गोल दाग रचा इतिहास

August 06, 2021

नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक 2020 (Tokyo Olympics 2020) के सेमीफाइनल में पहुंचकर इतिहास रचने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Women Hockey Team) ने इतिहास रचा लेकिन पदक जीतने से चूक गईं। ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में ब्रिटेन ने भारत को 4-3 से हर दिया है। भारतीय टीम चौथे स्थान पर रही। भारत को इस मुकाम तक पहुंचाने में कप्तान रानी रामपाल (Rani Rampal), वंदना कटारिया (Vandana Kataria), पहला ओलंपिक खेल रही 25 वर्षीय गुरजीत कौर (Gurjit Kaur) और गोलकीपर सविता पूनिया (Savita Punia) ने अहम भूमिका निभाई। गुरजीत कौर ने नॉकआउट मुकाबलों में दबाव के क्षणों में चार गोल दागा। पंजाब के अमृतसर के मियादी कलां गांव में गुरजीत सिंह के पिता सतनाम सिंह किसान हैं। उन्होंने गुरजीत और उनकी बड़ी बहन प्रदीप कौर को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए तरनतारन के बोर्डिग स्कूल में भेजा जहां दोनों बहनों की दिलचस्पी हॉकी खेल में जगी। जब वह छठी क्लास में थी सतनाम सिंह ने पहली बार हॉकी स्टिक, ट्रैक सूट और जूते लाकर दिए। गुरजीत ने 2018 में एशियन गेम्स में हिस्सा लिया। एशियन गेम्स में भारतीय महिला हॉकी टीम ने तब सिल्वर मेडल जीता था।


पहले तीन मुकाबलों में भारत को विश्व चैंपियन नीदरलैंड (1-5), जर्मनी (0-2) और ब्रिटेन (1-4) ने हराया। इसके बाद महिला हॉकी टीम ने आयरलैंड को 1-0 से हराकर अगले दौर में जाने की उम्मीद बाकी रखी। इस मुकाबले में कप्तान रानी रामपाल के पास पर नवनीत कौर ने शानदार गोल दागा। भारत का अगला मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से हुआ जिसमें टीम ने 4-3 से जीत हासिल की। इस मैच में वंदना कटारिया ने हैट-ट्रिक दागा जबकि एक गोल नेहा गोयल ने किया।

क्वार्टर फाइनल कि स्टार रही गुरजीत
अंतिम-आठ में भारत का सामना ऑस्ट्रेलिया से हुआ जिसमे इंडिया 1-0 से जीती। मैच का एकमात्र गोल गुरजीत कौर ने किया। वही सेमीफाइनल में भारत का गोल्ड का सपना 2-1 से अर्जेंटीना ने तोड़ दिया। इस मुकाबले के दूसरे मिनट में ही गुरजीत कौर ने गोल दागकर भारत को बढ़त दिला थी लेकिन टीम इंडिया अपने लय को कायम नहीं रख पाई।

ब्रॉन्ज मेडल मुकाबले में दागे दो गोल
तीसरे स्थान के लिए मुकाबले में एक समय भारतीय टीम ब्रिटेन से दो गोलों से पिछड़ रही थी लेकिन गुरजीत ने दो मिनट के अंदर दो गोल दाग भारत को बराबरी दिला दी। यह नॉकआउट मुकाबलों में गुरजीत का चौथा गोल रहा। उनके अलावा वंदना कटारिया ने ग्रुप स्टेज में तीन और ब्रिटेन के खिलाफ एक गोल दागा।

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