– खराब क्वालिटी के कारण बस स्टैंड में बनाए गए टॉयलेट की टाइल्स धंसी, पाइप फूटे, टॉयलेट बंद कर शुरू किया सुधार कार्य
– निर्माण की घटिया क्वालिटी और भ्रष्टाचार की शिकायत निगमायुक्त और कलेक्टर से करेंगे बस संचालक
इंदौर।
सरकार ने जिसे इंदौर (Indore) का सबसे आधुनिक बस स्टैंड (Modern Bus Stand) बनाने का दावा किया था, उस सरवटे बस स्टैंड की हकीकत शुरू होने के 15 दिन में ही सामने आने लगी है। चार साल में करीब 15 करोड़ रुपए खर्च कर बनाए गए सरवटे बस स्टैंड (Sarwate Bus Stand) को शुरू हुए 15 दिन ही हुए हैं और यहां बना टॉयलेट (Toilet) टूट चुका है। बताया जा रहा है कि खराब क्वालिटी (Bad Quality) के कारण टाइल्स (Tiles) धंसने लगीं, जिससे अंदर के पाइप भी फूट गए। अब इस टॉयलेट को बंद कर इसकी मरम्मत करवाई जा रही है। वहीं परिसर में बने सुलभ कॉम्प्लेक्स (Sulabh Complex) के टॉयलेट (Toilet) का भी काम अब तक पूरा नहीं हो पाया है, जिससे यात्री परेशान हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सरवटे बस स्टैंड को नया रूप देने के लिए 28 मई 2018 को यहां से बसों का संचालन बंद कर दिया गया था। दो साल में पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट 46 माह, यानी करीब चार साल बाद 14.80 करोड़ की लागत से पूरा हुआ। 21 मार्च को इसका उद्घाटन किया गया और 23 मार्च से यहां से बसों का संचालन शुरू हुआ। उद्घाटन के वक्त इसके शहर के सबसे आधुनिक और सुविधाजनक बस स्टैंड होने के दावे भी किए गए, लेकिन बसों का संचालन शुरू होने के बाद यात्रियों के आने-जाने पर अब हकीकत सामने आ रही है। बस स्टैंड में प्रवेश के बाद महिलाओं की सुविधा के लिए बनाए गए सुविधाघर को कुछ दिन पहले बंद कर दिया गया है। प्राइम रूट बस ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा (Prime Route Bus Owners Association President Govind Sharma) ने बताया कि ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि शुरू होते ही इसकी टाइल्स धंसने लगी थीं और टॉयलेट (Toilet) टूटने लगे थे। पाइप भी फूट गए थे। जानकारी मिलने पर अधिकारियों ने तुरंत इसे बंद करवाते हुए सुधार कार्य शुरू करवाया है। यहां खुदाई कर करीब दो ट्रैक्टर मिट्टी भी निकाली गई। अब दोबारा नई पाइप लाइन डालकर भराव करने के बाद टाइल्स लगाई जा रही हैं। सुविधाघर बंद होने से महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं परिसर में बाहर की ओर बने सुलभ कॉम्प्लेक्स के टॉयलेट का काम भी पूरा नहीं हो पाया है। इससे सभी यात्रियों को परेशानी हो रही है। उन्होंने बताया कि यहां हुए निर्माण के नाम पर बड़े बिल लगाए गए हैं, लेकिन इसकी क्वालिटी काफी खराब है, जो भ्रष्टाचार का संकेत है। बस संचालक इसकी शिकायत निगमायुक्त और कलेक्टर सहित लोकायुक्त से भी करेंगे। बस स्टैंड में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (Sewerage Treatment Plant) डिजाइन में शामिल होने के बाद भी भवन में नहीं बनाया गया है, जिससे गंदे पानी के उपचार के भी कोई व्यवस्था नहीं है।
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