नई दिल्ली (New Delhi) । चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan ) इस साल 5 मई को लग रहा है। यह साल का पहला चंद्रग्रहण है, इसके बाद अक्टूबर में चंद्र ग्रहण लगेगा। चंद्र ग्रहण बुद्ध पूर्णिमा की रात लग रहा है। इस बार चंद्र ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लग रहा है। इसलिए इन राशि और नक्षत्र के लोगों की राशि में खास प्रभाव पड़ेगा। आपको बता दें कि अगर चंद्र ग्रहण देश में दिखाई देता है, तो इसका सूतक काल (sutak kaal) मान्य होता है। चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे का होता है। इस दौरान पूजा पाठ आदि नहीं किया जाता है, सूतक काल में मंदिरों के कपाट बंद रहते हैं। लेकिन सूतक काल तभी मान्य होता है, जब यह देश में दिखाई दे। आइए इस उपच्छाया चंद्र ग्रहण के बारे में जानें जो 5 मई को लगेगा। पूर्णमासी पर उपछाया चंद्रग्रहण है जिसे ग्रहण नहीं माना जाता। यह एक नैसर्गिक खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा की छाया पड़ती है। ऐसे में इसका कोई प्रभाव नहीं होता।
चंद्र ग्रहण समय (Lunar Eclipse 2023 Time)
आपको बता दें कि यह चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) होगा। यह ग्रहण 5 मई की रात 8.44 बजे से लगेगा और 6 मई की रात 1 बजकर 1 मिनट तक दिखेगा। उपछाया ग्रहण 8.44.11 सेकेंड पर शुरू होगा और अधिकतम ग्रहण 10.52 मिनट तक दिखेगा। 1 बजकर 1 मिनट पर ग्रहण समाप्त हो जाएगा।
भारत में क्या दिखेगा चंद्र ग्रहण?
खगोल विज्ञानियों के अनुसार साल का पहला चंद्र ग्रहण यूरोप, एशिया के ज्यादातर हिस्से, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, प्रशांत,अटलांटिक,अंटार्कटिका और हिंद महासागर में दिखाई देगा। जहां तक भारत में इस चंद्र ग्रहण के दिखाई देने का मामला है तो ज्यादातर खगोल शास्त्र के जानकारों और हिंदू पंचांग की गणनाओं के आधार पर यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा।
कहां-कहां दिखाई देगा चंद्रग्रहण (Lunar Eclipse 2023Visibility)
यह ग्रहण (Lunar Eclipse 2023 एशिया, यूरोप, अफ्रीका, इंडियन Ocean,पैसेफिक और अटलांटिक में दिखेगा।
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