उज्जैन। सावन-भादौ मास में निकलने वाली भगवान महाकाल की आज शाम दूसरी सवारी निकलेगी जिसमें चंद्रमोलेश्वर रूप में भक्तों को दर्शन देंगे। कल शाम से ही प्रशासन ने भीड़ को देखते हुए जगह-जगह बैरिकेटिंग कर दी थी। आज सुबह से सोमवती अमावस्या का स्नान चल रहा है। शिप्रा नदी और महाकाल क्षेत्र में पैर रखने की भी जगह नहीं है।
आज सावन के दूसरे सोमवार पर भगवान महाकालेश्वर श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में पालकी में तथा हाथी पर मनमहेश के रूप में विराजित होकर प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण करेंगे। अपर कलेक्टर संदीप कुमार सोनी ने बताया कि भगवान की सवारी निकलने के पहले मंदिर के सभामंडप में भगवान चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन होगा। उसके पश्चात भगवान चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जावेगी। उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी।
जहां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यीनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचेगी। सवारी निकलने से पहले प्रशासन ने सवारी मार्ग में सड़क की और के दुकानदार भट्टी चालू न रखें और न ही तेल का कढ़ाव चढ़ाएं। दर्शनार्थी सवारी में उल्टी दिशा में न चलें और सवारी निकलने तक अपने स्थान पर खड़े रहें। इधर आज सोमवती अमावस्या के चलते बड़ी संख्या में ग्रामीण श्रद्धालु भी तड़के से उज्जैन पहुँचे और शिप्रा के विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं की बेतहाशा भीड़ है और यह श्रद्धालु शाम तक भगवान की सवारी देखने के लिए रुकेंगे। इसके चलते आज सवारी के दौरान पिछली सवारी से तीन गुना अधिक भीड़ रहेगी। इससे निपटने के लिए सवारी मार्ग पर सख्त बैरिकेटिंग कर ली गई है और सवारी मार्ग पर जाने वाले रास्तों को रोक दिया गया है तथा कल शाम से ही यहाँ पर लोगों को जाने से रोका जा रहा था।
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