नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निजीकरण (Privatisation) को आज की जरूरत बताया। उन्होंने यह भी बताया कि देश इस समय निजीकरण (Privatisation) की जरूरत क्यों है। उन्होंने कहा कि बहुत सारी पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज से सरकार को और देश को क्या नुकसान हो रहे हैं। दरअसल वे बुधवार को निजीकरण (Privatisation) को लेकर आयोजित एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे।
पीएम मोदी ने कहा कि जब पब्लिक सेक्टर की शुरुआत की गई थी, तब उसकी जरूरत थी। आज की जरूरत है निजीकरण। लोगों के पैसों का सही इस्तेमाल करने के लिए निजीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत सारे ऐसे पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज हैं जो लगातार नुकसान में चल रहे हैं। ऐसे में सरकार को अक्सर इन एंटरप्राइज की मदद करनी पड़ती है और टैक्सपेयर्स का पैसा ही इसमें खर्च होता है।
पीएम ने कहा कि किसी पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज को सिर्फ इसलिए नहीं चलाते रहना चाहिए कि वह कई सालों से चल रहा है या फिर उससे कई लोगों के पेट पल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन एंटरप्राइज की मालिक सरकार बनी रहे, इसकी जरूरत नहीं है। ऐसा करने से सरकार का ध्यान कल्याणकारी योजनाओं से हटता है और साथ ही सरकार का पैसा और संसाधन भी लगता है। वह बोले कि एक टैलेंटेड सरकारी अधिकारी को किसी पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइज में डाल देना उसके टैलेंट के साथ अन्याय है, उस एंटरप्राइज के साथ अन्याय है और साथ ही देश की जनता के साथ भी अन्याय है।
पीएम ने कहा कि सरकार को बिजनस करने से कई नुकसान होते हैं और उनकी भरपाई के बारे में भी उसे सोचना पड़ता है। वह बोले कि सरकारें ये सोचती आई हैं कि जो जैसा चल रहा है चलने दो, आने वाली सरकारें इससे निपटेंगी और ये हमेशा से चलता ही आ रहा है। उन्होंने कहा कि अब इससे बाहर निकलना होगा, क्योंकि जब निजीकरण बढ़ता है तो आधुनिकता बढ़ती है, बिजनस का विस्तार होता है, बेहतर प्रबंधन बनता है और इन सब के चलते देश में रोजगार के नए मौके आते हैं।
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