नई दिल्ली। भारतीय खेलों के इतिहास में आज का दिन काफी यादगार है। वर्ष 2012 में आज ही के दिन 4 सितंबर को लंदन पैरालम्पिक खेलों में गिरीश होसंगारा नागराजेगौड़ा ने भारत को पहला पदक दिलाया था। गिरीश बाएं पैर से दिव्यांग हैं।
उन्होंने पुरुषों की ऊंची कूद एफ -42 श्रेणी में लंदन में आयोजित हुए 2012 ग्रीष्मकालीन पैरालिंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और कैंची तकनीक का उपयोग करके 1.74 मीटर की छलांग के साथ फाइनल में रजत पदक जीता था। इस स्पर्धा में पदक जीतने वाले वह पहले भारतीय बने थे।
गिरीश ने करियर का अपना पहला पदक धारवाड़ में राज्य स्तरीय स्पोर्ट्स मीट में जीताा थाा, इस प्रतियोगिताा मेंं उन्हहोने कांस्य पदक जीता था। प्रतियोगिता में उन्होंने सामान्य खिलाड़ियों से मुकाबला किया था। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय उच्च कूद चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनकी पहली उपलब्धि तब आई जब उन्होंने 2006 में आयरलैंड में दिव्यांगों के जूनियर विश्व चैंपियनशिप में कांस्य जीता था। इसके बाद उन्होंने कुवैत और मलेशिया में एथलेटिक में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। (एजेंसी, हि.स.)
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