धार्मिक मान्यता के अनुसार प्रत्येक माह की चतुर्दशी तिथि मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाई जाती है । आज यानि 6 अगस्त को सावन की मासिक शिवरात्रि (Monthly Shivratri) है। सावन में पड़ने वाली इस शिवरात्रि का बहुत खास महत्व होता है। आज के दिन पूजा-अर्चना से भोलनाथ बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं। जो भक्त आज पूरी श्रद्धा से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं महादेव उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) की आराधना कर महावरदान की प्राप्ति की जा सकती है।
सावन शिवरात्रि मुहूर्त-
सावन मास चतुर्दशी तिथि प्रारंभ- 06 अगस्त, शाम 06 बजकर 28 मिनट से
सावन मास चतुर्दशी तिथि समाप्त- 07 अगस्त की शाम 07 बजकर 11 मिनट पर
भगवान शिव की ऐसे करें पूजा –
स्नान करने के बाद पीले या सफेद रंग के साफ वस्त्र धारण पहनें। पूजा वाली जगह पर भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय और भगवान शिव के वाहन नंदी की प्रतिमा स्थापित करें और उनकी पूजा करें। मासिक शिवरात्रि की पूजा में शिव परिवार को पंचामृत से स्नान कराया जाता है। पूजा में बेल पत्र, फल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य और इत्र जरूर शामिल करें। इस दिन व्रत करने वालों को शिव पुराण या शिवाष्टक (Shivashtak) का पाठ अवश्य करना चाहिए। पूजा का समापन शिव आरती के साथ करें।
मासिक शिवरात्रि का महत्व-
मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने और पूजा करने वाले लोगों की सारी समस्याएं दूर होती हैं। मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से मनोवांछित वर की प्राप्ति होती है और विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं। जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही हो या किसी प्रकार की अड़चन आ रही हो उन्हें भी मासिक शिवरात्रि का व्रत करने की सलाह दी जाती है। मासिक शिवरात्रि के दिन शिव चालीसा का बहुत महत्व(Importance) होता है। शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है।
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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