नई दिल्ली। देशभर मे दो दिवसीय हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है। आज हड़ताल का दूसरा दिन है और आज भी कई तरह का बैंकिंग काम-काज प्रभावित रहेंगे। हड़ताल के पहले दिन लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। गौरतलब है कि इस हड़ताल में देश के सात लाख कर्मचारी शामिल हैं। हड़ताल के दूसरे दिन भी बैंकिंग सेवाएं पूरी तरह ठप दिखाई दे रही हैं।
इस वजह से की गई हड़ताल
सरकार के प्राइवेटाइजेशन को लेकर चल रही तैयारियों का विरोध करने के लिए यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) ने हड़ताल करने का एलान किया है। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के तहत बैंकों की 9 यूनियन आती हैं। इसके तहत 7 लाख कर्मचारी बैंकिंग हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। इसकी वजह से देश भर की बैंक शाखाओं में बंदी है।
देशभर में सरकारी बैंक शाखाओं में काम ठप
अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (AIBOC), अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) और राष्ट्रीय संगठन सहित नौ बैंक यूनियनों की एक संस्था यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (UFBU) के हड़ताल के आह्वान के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में कई बैंक शाखाएं बंद कर दी गईं। इसके चलते इनमें काम नहीं हो सका और लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। नतीजतन, हड़ताल के कारण शाखाओं में जमा और निकासी, चेक निकासी और ऋण मंजूरी जैसी सेवाएं ठप रहीं। हालांकि इस बीच एटीएम के सामान्य रूप से लेन-देन जारी रहा।
चेक क्लीयरेंस और ऋण मंजूरी जैसी सेवाएं प्रभावित
आज हड़ताल का दूसरा दिन है। हड़ताल के पहले दिन देश भर में इन बैंकों का कामकाज प्रभावित रहा। इन बैंकों के ग्राहकों को बैंको का कामकाज बंद होने की वजह से जमा और निकासी, चेक क्लीयरेंस और ऋण मंजूरी जैसी सेवाएं के ठप होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
ऑल इंडिया बैंक इंप्लाई एसोसिएशन (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने बताया कि देशव्यापी हड़ताल से पहले दिन ग्राहकों, निवेशकों और अन्य हितधारकों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ा। 37,000 करोड़ रुपये के 39 लाख चेक अटक गए।
वहीं, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (एआईबीओसी) की महासचिव सौम्या दत्ता ने बताया कि सरकार के बैंकों के निजीकरण के फैसले के विरोध में सरकारी बैंकों के करीब सात लाख कर्मचारी हड़ताल में हुए। देशभर में बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की एक लाख से ज्यादा शाखाएं बंद रहीं। हालांकि, HDFC बैंक, ICICI बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे निजी क्षेत्र के बैंकों में कामकाज सामान्य रहा।
इन राज्यों में दिखाई दिया असर
महाराष्ट्र में विभिन्न बैंकों के करीब 60,000 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी पहले दिन हड़ताल में शामिल हुए। इससे बैंकों के ग्राहकों को काफी परेशानी हुई। झारखंड में: 40,000 से ज्यादा अधिकारियों-कर्मचारियों ने हड़ताल किया। राज्य में विभिन्न बैंकों की 3,200 शाखाएं बंद रहीं। 3,300 में अधिकांश एटीएम बंद रहे।
3,000 करोड़ का लेनदेन प्रभावित हुआ। पश्चिम बंगाल में सरकारी बैंकों की 8,590 शाखाएं बंद रहीं। अधिकांश एटीएम में नकदी नहीं होने से लोगों को काफी असुविधा हुई। तमिलनाडु में विभिन्न सरकारी बैंकों के हजारों अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल में शामिल हुए। बैंक शाखाओं के साथ अधिकांश एटीएम भी बंद रहे।
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