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छठ पर्व का मुख्‍य दिन आज, सूर्य को अर्घ्य देते समय भूलकर भी न करें ये गलतियां

November 10, 2021

चार दिवसीय छठ पर्व की शुरुआत कार्तिक मास (Kartik Month) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से हो चुकी है। 8 नवंबर से इस पर्व की शुरुआत हो चुकी है। और 10 नवंबर के दिन यानी बुधवार को छठ पर्व (Chhath Parv 2021) का मुख्य दिन है। इस दिन व्रती महिलाएं डूबते हुए सूरज को अर्घ्य देती हैं। और 11 नवंबर के दिन सुर्योदय (sunrise) के समय उगते हुए सूरज को अर्घ्य दिया जाएगा। छठ के मुख्य पर्व पर चारों ओर लोग आस्था में डूबे हुए दिखाई देते हैं। चार दिनों तक चलने वाले छठ पर्व में षष्ठी तिथि का दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है।

यूपी, बिहार और झारखंड (Jharkhand) आदि में छठ पर्व को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। छठ पर्व के मुख्य दिन आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आइए डालते हैं एक नजर।

छठ पूजा के दौरान न करें ये गलतियां
-कार्तिक मास की षष्ठी तिथि के दिन छठ का मुख्य व्रत रखा जाता है। इस दिन साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। पूजा का प्रसाद बनाते समय या फिर पूजा करते समय हाथों को बिल्कुल साफ रखना चाहिए। यहां तक ही स्नान आदि के बाद साफ वस्त्र आदि पहनें।

– छठ पर्व पर एक बात का एक ओर ध्यान रखें कि सूर्य अर्घ्य देने के लिए प्लास्टिक, चांदी या स्टील के बर्तन का इस्तेमाल न करें। साथ ही, इस बात का भी ध्यान रखें कि घर में प्रयोग होने वाले गिलास और लोटा आदि को भी इस दौरान इस्तेमाल न करें।


– व्रत के दौरान सिर्फ तन ही नहीं मन का शुद्ध होना भी आवश्यक है। इसलिए भूलकर भी इस दिन किसी के साथ अपशब्दों का इस्तेमाल न करें और न ही किसी के लिए मन में दुर्भावना रखें।

-इस दिन सात्विकता का भी विशेष ध्यान रखें। इसलिए इस दिन घर में किसी भी प्रकार से तामसिक गुणों वाली चीजों का इस्तेमाल करने से परहेज करें। और न ही ऐसी चीजों को घर में रखें। यहां तक कि छठ के दौरान घर में लहसुन और प्याज को भी बाहर कर दें।

– छठ पूजा के समापन से पहले किसी भी व्यक्ति को प्रसाद झूठा न करने दें।

– कार्तिक शुक्ल की सप्तमी तिथि के दिन सूर्य को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। इसलिए इससे पहले न कुछ खाना चाहिए और न ही पीना।

नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।

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