नई दिल्ली। सावन का चौथा और आखिरी सोमवार 8 अगस्त 2022 यानि आज है. महादेव का प्रिय माह सावन अब समाप्ति की ओर है. 12 अगस्त 2022 को सावन खत्म हो जाएगा और भाद्रपद महीने की शुरुआत हो जाएगी. भोलेनाथ की भक्ति के लिए सावन का सोमवार (monday) बहुत उत्तम माना जाता है. मान्यता है इस दिन व्रत रख सच्चे मन रुद्राभिषेक करने से तमाम सुखों की प्राप्ति होती है. रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) का मतलब है भगवान रुद्र का अभिषेक अर्थात शिवलिंग का मंत्र सहित अभिषेक. अगर सावन में भोलेनाथ का रुद्राभिषेक न कर पाएं हो तो सावन के आखिरी सोमवार पर रुद्राभिषेक कर भोलेनाथ की कृपा पाने का अवसर है. कहते हैं सावन सोमवार के दिन शिव का रुद्राभिषेक करने से समस्त रोगों का नाश होता है और ग्रह दोषों(planetary defects) से मुक्ति मिलती है. सावन के आखिरी सोमवार बेहद खास है क्योंकि इस दिन कई संयोग बन रहे हैं. आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और पूजा विधि(Auspicious time and worship method).
सावन चौथा-आखिरी सोमवार 2022 विशेष संयोग (Sawan last somwar 2022 shubh yoga)
चौथा सावन सोमवार 2022 मुहूर्त (Sawan fourth and Last somwar 2022 muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त – 04.29 AM – 05.12 AM
अभिजित मुहूर्त – 12.06 PM – 12.59 PM
गोधूलि मुहूर्त – 06.57 PM – 07.21 PM
रवि योग – सुबह 05 बजकर 46 मिनट- दोपहर 02 बजकर 37 मिनट तक (8 अगस्त 2022)
पुत्रदा एकादशी 2022
श्रावण मास पुत्रदा एकादशी तिथि आरंभ- 7 अगस्त 2022, 11.50 PM
श्रावण मास पुत्रदा एकादशी तिथि समाप्त- 8 अगस्त 2022, 9:00 PM
सावन सोमवार 2022 पूजा विधि: (Sawan last somwar 2022 puja vidhi)
सावन के चौथे सोमवार पर सूर्योदय से पूर्व स्ना कर लें और सर्व प्रथम सूर्य को अर्घ्य दें. रवि योग में सूर्य को अर्घ्य देने पर गंभीर रोग खत्म हो जाते हैं.
पूजा स्थान पर गंगाजल छिड़कर व्रत का संकल्प लें और प्रथम पूजनीय गणेश जी, मां पार्वती और भगवान शंकर का आवहान करें
अब शिवलिंग का जाभिषेक करें. सावन सोमवार के दिन पार्थिव शिवलिंग बनाकर रुद्राभिषेक करना बहुत फलदायी होता है.
शिव जी का पंचाक्षर मंत्र ऊं शिवायै’ नमः का जाप करते हुए भोलेनाथ संग मां पार्वती का षोडशोपचार पूजन करें. दूध, दही, घी, शक्कर, पंचामृत, रोली, मौली, अक्षत, बेलपत्र, धतूर, शमी, भांग, भस्म, भौडल, चंदन, रुद्राक्ष, आंक के पुष्प आदि अर्पित करें.
पति-पत्नी संग मिलकर भोलेनाथ की पूजा करें और शिव चालीसा का पाठ करें. मान्यता है इससे वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है. अब धूप, अगरबत्ती, फल, मिठाई का भोग लगाएं और आरती करें.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं हम इसकी जांच का दावा नहीं करते हैं. इन्हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह लें.
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