सावन में मंगला गौरी का व्रत बेहद फलदायी माना जाता है। ये व्रत करने से विवाह और वैवाहिक जीवन की हर समस्या दूर हो जाती है। इसके अलावा अगर कुंडली में मंगल दोष बाधा उत्पन्न कर रहा है तो इस दिन की पूजा (worship) अत्यधिक लाभदायी होती है। यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए भी रखा जाता है। इस बार सावन का आखिरी मंगला गौरी का व्रत मंगलवार, 17 अगस्त यानि आज पड़ रहा है ।
मंगला गौरी व्रत का महत्व-
मंगला गौरी (Mangala Gauri) के व्रत से जीवन में खुशहाली और घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है। पूरे सावन मंगला गौरी की उपासना करने से मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो सकती है। इंसान के सारे कष्ट दूर हो सकते हैं। अविवाहित युवतियों के विवाह में आने वाली बाधा दूर हो जाती है और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। संतान से जुड़ी परेशानियों के लिए भी ये व्रत फायदेमंद माना जाता है।
मंगला गौरी व्रत करने की विधि-
इस व्रत के दौरान ब्रह्म मुहूर्त (wee hours) में जल्दी उठें। नित्य कर्मों से निवृत्त होकर साफ-सुथरे धुले हुए अथवा नए वस्त्र धारण कर व्रत करना चाहिए। इस व्रत में एक ही समय अन्न ग्रहण करके पूरे दिन मां पार्वती की आराधना की जाती है। मां मंगला गौरी (पार्वतीजी) का एक चित्र अथवा प्रतिमा लें। फिर ‘मम पुत्रापौत्रासौभाग्यवृद्धये श्रीमंगलागौरीप्रीत्यर्थं पंचवर्षपर्यन्तं मंगलागौरीव्रतमहं करिष्ये’ इस मंत्र के साथ व्रत करने का संकल्प लेना चाहिए।
मंगला गौरी व्रत में पूजा का शुभ मुहूर्त-
आज दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से दोपहर 12 बजकर 56 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इसके बाद शाम 04 बजकर 31 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 49 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा। पूजा के लिए ये ही दोनों ही मुहूर्त शुभ हैं।
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