सभी 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ एवं सर्वश्रेष्ठ माना गया
हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। शुभ मुहूर्त में किया जाने वाला कोई भी कार्य अवश्य सफल होता है। आज रवि पुष्य का संयोग बन रहा है। खास बात यह है कि इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी है।
ज्योतिषियों के अनुसार सभी 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र को बहुत ही शुभ एवं सर्वश्रेष्ठ माना गया है। हालांकि अभिजित मुहूर्त को नारायण के सुदर्शन चक्र के समान शक्तिशाली बताया गया है। यह नक्षत्र सभी अनिष्ट का नाश करने वाला और सर्वसफलता दिलाने वाला होता है। पुष्य नक्षत्र में विवाह को छोडक़र अन्य सभी शुभ कार्य किए जा सकते हैं। रवि पुष्य योग को सभी तरह के शुभ कार्य और खरीदारी का महामुहूर्त माना गया है। इस शुभ योग में नया कर्म और खरीदारी करने पर घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।
खरीदारी के लिए बहुत ही शुभ दिन
रवि पुष्य योग में जमीन, मकान, सोने-चांदी के आभूषण, कपड़ा, आटोमोबाइल, इलेक्ट्रानिक चीजों की खरीदारी करना शुभ माना गया है। इसके साथ ही यह नक्षत्र मंत्र दीक्षा, उच्च शिक्षा ग्रहण, भूमि क्रय-विक्रय, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना, यज्ञ, अनुष्ठान और वेद पाठ आरंभ करना, गुरु धारण करना, पुस्तकों का दान करना, विदेश यात्रा आरंभ करने आदि के लिए श्रेष्ठ होता है।
पहला और आखिरी रवि पुष्य योग
2021 का यह पहला और आखिरी रवि पुष्य योग होगा, जो कि बहुत लंबे समय तक रहेगा। यह रवि पुष्य योग 11 जुलाई को सुबह से लेकर रात के करीब 2.20 बजे तक रहेगा। इतनी देर तक शुभ संयोग होने से इसका महत्व काफी बढ़ गया है। इस तरह का संयोग 10 अप्रैल 2022 को बनेगा, जब पूरा दिन रवि पुष्य योग रहेगा। हालांकि इसके बाद 8 अगस्त को फिर पुष्य नक्षत्र योग रहेगा, लेकिन यह सुबह 9 बजे तक ही रहेगा।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved