उज्जैन। आज सावन माह का पहला सोमवार है। यह महीना भगवान शिव की आराधना और कृ पा का उत्कृष्ट महीना माना जाता है। ज्योतिष मत के अनुसार इस माह में शिव आराधना से मनोवांशिक फल प्राप्त होते हैं। यही कारण है कि आज सोमवार के पहले दिन महाकालेश्वर मंदिर के अलावा मंगलनाथ, अंगारेश्वर समेत अन्य सभी शिव मंदिरों में दर्शन के लिए लोगों की भीड़ पड़ रही है।
वैसे तो रविवार से सावन महीने की शुरूआत हो गई थी और आज सावन माह का प्रथम सोमवार है। सावन-भादौ मास में देश दुनिया से लोग भगवान महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन आते है। इसी के साथ वे मंगलनाथ और अंगारेश्वर महादेव मंदिरों समेत अन्य शिवालयों में भी दर्शन करते हैं। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया कि सावन मास में भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है। इन दिनों शिवजी को जल चढ़ाना, बिल्व पत्र अर्पित करना उन्हें बेहद पसंद है। ऐसा करने वाले भक्त की भगवान शिव तत्काल मनोकामना पूरी करते हैं। इधर सावन के पहले सोमवार पर आज यहां एक ओर महाकाल में भक्तों की भीड़ उमड़ी, वहीं दूसरी ओर मंगलनाथ मंदिर सहित अनेक शिव मंदिरों में लोग सुबह से शिव आराधना करते नजर आए। सभी शिव मंदिरों में आज के दिन सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। पूरे सावन मास में शहर के सभी शिवालय भक्तों की भीड़ से सराबोर रहेंगे।
दर्शन बंद होने के बाद सभी रास्ते बंद किए, अफरा-तफरी मची
उज्जैन। आज सावन के पहले सोमवार पर भगवान महाकालेश्वर की पहली सवारी शाम 4 बजे मंदिर से रवाना होगी और पिछले वर्ष कोरोना काल में जिस मार्ग से सवारी निकली थी, इस वर्ष भी वहीं से निकाली जाएगी और सवारी की तैयारियों को लेकर सुबह 11 बजे मंदिर में दर्शनार्थियों का प्रवेश रोक दिया और पूरे मंदिर परिसर को खाली करवा दिया गया। इसके अलावा महाकाल मंदिर को जाने वाले चारों रास्तों को बंद कर दिया गया था। ऐसे में मंदिर के आसपास जमा लोगों की भीड़ में अफरा-तफरी की स्थिति बन गई थी और लोग बाहर निकलने का रास्ता खोजते हुए नजर आए। इधर हरिफाटक पुल, गदा पुलिया और जयसिंहपुरा वाले मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लगी हुई थी। तड़के से इंदौर, भोपाल, रतलाम, देवास सहित आसपास के शहरों के लोग दो पहिया और चार पहिया वाहनों से उज्जैन पहुँचे थे।
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