नई दिल्ली। हिंदू धर्म में श्रावण मास की अमावस्या तिथि को सावन अमावस्या (Sawan Amavasya) होती है. इसे हरियाली अमावस्या भी कहते हैं. इस दिन माता पार्वती के साथ-साथ भगवान शिव(Lord Shiva) की भी पूजा अर्चना की जाती है. हरियाली अमावस्या के दिन स्नान और दान का बड़ा महत्व है. शास्त्रों में बताया गया है कि सावन अमावस्या के दिन व्रत और पितृ तर्पण (Pitru Tarpan) करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है और देवताओं के साथ पितरों का भी आशीर्वाद बना रहता है. आइए जानते हैं कि श्रावण अमावस्या (Shravan Amavasya) का शुभ मुहूर्त, महत्व, पूजा विधि और उपाय क्या है.
हरियाली अमावस्या 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त (Sawan Amavasya 2022 time And Shubh Muhurat)
हरियाली अमावस्या तिथि प्रारंभ- 27 जुलाई, बुधवार, समय रात्रि 9:13 से शुरू
हरियाली अमावस्या तिथि समाप्ति- 28 जुलाई, गुरुवार, समय रात्रि 11:24 तक
गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग- सुबह 7:05 से शुरू
पुष्प योग और अमृत योग समापन- 29 शुक्रवार, सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक
सिद्ध योग प्रारंभ- समय शाम 5:57 से 6:36 तक
हरियाली अमावस्या का महत्व (Sawan Amavasya Ka Mahatva)
यह दिन को पिंडदान और तर्पण के लिए अच्छा माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पेड़-पौधा लगाना उत्तम होता है. कहते हैं कि इस दिन पेड़ पौधों को लगाने से देवी देवता प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं.
इस दिन अगर आप नदी या सरोवर में स्नान करते हैं, तो काफी शुभ होता है.
स्नान के बाद साफ कपड़े पहनें और घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें.
इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की विधि विधान से पूजा करें. माता पार्वती का श्रृंगार करें,
इस दिन अगर आप उपवास रख सकते हैं तो इस दिन उपवास भी रखें.
यह दिन पितर संबंधित कार्य करने के लिए अच्छा होता है इसलिए पितरों के निमित्त तर्पण और दान करें.
इस पावन दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें.
आप इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा भी कर सकते हैं. विशेष महत्व होता है.
विधि- विधान से इस दिन भगवान शंकर की पूजा- अर्चना भी करें.
हरियाली अमावस्या में करें ये उपाय (Sawan Amavasya Ke Upay)
सावन की अमावस्या के दिन हनुमान मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं.
अमावस्या की शाम को मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घर के ईशान कोण में घी का दीपक जलाएं.
अमावस्या के दिन किसी योग्य ब्राह्मण को घर बुलाकर भोजन करवाएं.
इस दिन मंदिर अथवा नदियों के किनारे दीप दान करें, इससे घर में सुख समृद्धि आती है.
इस दिन किसी नदी किनारे श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करें. साथ ही गाय को चारा भी खिलाएं.
हरियाली अमावस्या के दिन मछलियों के लिए नदी में आटे की गोलियां डालें और काला तिल प्रवाहित करें.
पितरों की आत्मा की शांति के लिए हवन-पूजा,श्राद्ध,तर्पण आदि करें. ऐसा करने से पितर खुश होते हैं और घर में खुशहाली आती है.
इस दिन वृक्षारोपण करें.नारद पुराण के अनुसार इस दिन देवपूजा के साथ वृक्षारोपण करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी सिर्फ सामान्य सूचना के लिए हैं हम इसकी जांच या सत्यता की पुष्टि का दावा नहीं करते हैं. इन्हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
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