आज 09 फरवरी प्रदोष व्रत है और आपको जानकारी के लिए बता दें कि प्रदोष व्रत में देवो के देव महादेव की अराधना की जाती है । आपको बता दे कि मंगलवार (Tuesday) को प्रदोष होने के कारण इसे भौम प्रदोष व्रत ( Bhaum Pradosh fast) भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि हर माह में आने वाले प्रदोष व्रत ( pradosh fast) भगवान शिव को खुश करने के लिए ही किया जाता है। प्रदोष व्रत ऐसा व्रत है, जो सभी मनोकामनाओं (Wishes) को पूर्ण करने वाला माना जाता है। जो भी व्यक्ति इस व्रत को सच्चे मन से करता है शिव जी उसके हर तरह के दुख, रोग, संताप, कष्ट आदि दूर कर देतें हैं। हिंदू धर्म पंचांग के अनुसार हर माह के शुक्ल व कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत ( pradosh fast) रखा जाता है और संपूर्ण विधि विधान से शिव जी की पूजा-अराधना की जाती है । धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष दोनों ही प्रदोष व्रत ( pradosh fast) का समान महत्व होता है।
भौम प्रदोष व्रत का महत्व (Importance of Bhaum Pradosh fast)
जिन लोगों का जीवन कर्ज के भार से दबा हुआ होता है, उन लोगों को भौम प्रदोष व्रत (Bhoom pradosh fast) रखने की सलाह दी जाती है। देवो के देव महादेव (Lord shiva) के अर्शीवाद से वह व्यक्ति सभी प्रकार के कर्ज से मुक्त हो जाता है। इतना ही नहीं, उसे निरोगी जीवन, संतान सुख, सुख, समृद्धि आदि की भी प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यता है कि इस दिन प्रदोष व्रत रखने से भगवान शिव (Lord Shiva) तो खुश होते ही हैं, साथ ही संकटमोचन हनुमान जी (Sankatmochan Hanuman) की भी कृपा प्राप्त होती है। भौम प्रदोष व्रत (Bhoom pradosh Fast ) करने से जीवन में हर तरह की सुख-समृद्धि आती है। जातकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। ऐसे लोग जिन्होंने ज्यादा कर्ज ले रखा है, उन्हें भी प्रदोष व्रत जरूर करना चाहिए। नशे का सेवन करने वाले लोगों को भी प्रदोष व्रत जरूर करना चाहिए, जिससे व्यसन की आदत जल्द दूर हो जाती है।
भौम प्रदोष व्रत (Bhoom pradosh Fast ) का शुभ मुहूर्त
भौम प्रदोष व्रत (Bhoom pradosh Fast ) तिथि- 9 फरवरी 2021
माघ मास कृष्ण त्रयोदशी आरंभ- 9 फरवरी प्रात: 03:19 बजे से
कृष्ण त्रयोदशी समाप्त- 10 फरवरी प्रात: 02:05 बजे पर
पूजन शुभ मुहूर्त (प्रदोष काल)- 9 फरवरी शाम 06:03 बजे से रात 08:40 बजे तक
प्रदोष व्रत (Bhoom pradosh Fast ) में ऐसे करें पूजा
– ब्रह्म मूहूर्त में उठें और स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें।
– पूजा स्थल और घर में गंगाजल छिड़कें।
– भगवान शिव (Lord Shiva) और मां पार्वती (Maa parvati) के सामने सफेद फूल, चंदन, बेलपत्र अर्पित करें।
– प्रदोष व्रत का संकल्प लें।
– शिवलिंग का अभिषेक करें, शिवलिंग पर धतूरा और भांग चढ़ाएं। इसके अलावा मौसमी फल अर्पित करें।
– भगवान शिव (Lord Shiva) और मां पार्वती (Maa parvati) का एक साथ पूजन करें और उन्हें धूप, दीप दें।
– भगवान शिवजी की चालीसा करें और व्रत कथा पढ़ें।
– भगवान की आरती करें और भगवान शिव को भोग लगाएं। साथ ही अंत में सभी को प्रसाद वितरण करें।
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इसकी सत्यता की जांच का दावा नही करतें हैं यह जानकारी विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, धर्मग्रंथों, पंचाग आदि से ली गई है । इस उपयोग करने वाले की स्वयं की जिम्मेंदारी होगी ।
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