इंदौर। अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हुकमचंद मिल (Hukamchand Mill) के मजदूरों (Laborers) को 12 तारीख को 30 साल पूरे हो जाएंगे। अभी तक अपने हक का पैसा नहीं मिलने पर वे आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं। इसके तहत आज दोपहर से वे उपवास पर बैठेंगे।
इस आंदोलन में अब तक कई मिल मजदूरों (Laborers) की मौत हो चुकी हैं। अब उनके परिजन लड़ाई लड़ रहे हैं। हर रविवार मजदूर (Laborers) मिल परिसर में इकट्ठा होते हंै, चर्चा करते हैं, लेकिन वह बेपरिणाम होती है। पिछले रविवार को हुई बैठक में इंटक के प्रधानमंत्री हरनामसिंह धारीवाल (Prime Minister Harnam Singh Dhariwal) और मिल मजदूर अधिकार समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र श्रीवंश, किशनलाल बोकरे (Narendra Shrivansh, Kishanlal Bokre) के साथ मिल मजदूरों ने तय किया था कि आगे के लिए आंदोलन किया जाए। इसको लेकर आज उपवास रखा जा रहा है। मिल परिसर के पास ही कालका माता मंदिर पर आज मिल मजदूर और उनके परिजन एक दिन का उपवास करने जा रहे हैं। परिजनों का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) भी कई बार सार्वजनिक मंचों से कह चुके हैं कि मजदूरों के हक का पैसा दिया जाएगा, लेकिन अभी पैसा नहीं दिया गया है। इसलिए मजदूरों को अब आंदोलन के लिए विवश होना पड़ रहा है। पिछले कई सालों से किए जा रहे आंदोलन को 12 दिसम्बर को 30 साल पूरे होने जा रहे हैं और इस दौरान सैकड़ों मजदूरों की मौत भी हो चुकी हैं।
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