तराना। आज आधुनिकता की अंधी दौड़ में हमारे परिवारों में संस्कारों की कमी आ रही है व इससे परिवारों में विघटन हो रहा है, परिवार छोटे होते जा रहे हैं। पहले संयुक्त परिवारों में सभी परस्पर प्रेम से रहते थे व बच्चों को दादा-दादी, नाना-नानी या काका-काकी से घर के संस्कार मिलते थे। कोई भी संकट आने पर पूरा परिवार एकजुट होकर समाधान करता था, वहीं आज छोटे परिवार मे अशांति क्लेश बढ़ रहा है, युवाओं में तनाव बढ़ रहा है जिससे आत्महत्या जैसी विकृति फैल रही है। इसे संयुक्त परिवारों के माध्यम से दूर किया जा सकता है।
ये बात आरएसएस के कुटुंब प्रबोधन विभाग द्वारा नगर मे परिवार एकत्रीकरण कार्यक्रम में परिवारों को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय टोली के सदस्य नंदलाल बाबा ने कही। नंदलालजी ने कहा कि हमारे संयुक्त परिवारों की व्यवस्था पर बाहर के देश शोध कर अपने देश में शुरू करते हुए संयुक्त परिवार का लाभ एवं आनंद ले रहे है, वहीं हमारे यहां बिखराव हो रहा है। मालवा प्रांत कुटुंब प्रबोधन संयोजक विजय केवलिया, ग्रामीण जिला संघचालक योगेन्द्र चौहान, नगर प्रमुख अरविंद भाटी ताराचंद तंवर नागदा आदि उपस्थित थे। वक्ताओं ने संस्कारित परिवार के निर्माण के लिये मंगल प्रभात, मंगल भोजन यानि पूरे परिवार को साथ में भोजन करने एवं मंगल शयन के तीन सुत्र अपनाने को कहा। संदेशात्मक नाटिका के माध्यम से मातृशक्ति ने परिवारों को जागृत करने का कार्य किया। संचालन मातृशक्ति द्वारा किया गया। जानकारी रिंकू सुशील डोडिया ने दी।