विदिशा। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि धनतेरस कहलाती है। इस दिन चांदी का बर्तन या चांदी खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। वैसे तो धनतेरस के दिन खरीददारी करना अत्यंत शुभ होता है। धर्माधिकारी विनोद शास्त्री ने बताया कि इस वर्ष धनतेरस का पर्व दो दिन 22 और 23 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दोनों दिन ग्रह नक्षत्रों का विशेष संयोग शुभ और स्थाई फलदायी होगा। खरीदारी करने के लिए दोनों दिन शुभ रहेंगे अधिकांश विद्वानों का मत 22 अक्टूबर शनिवार को धनतेरस पर्व मनाने में सहमत हैं। शास्त्रों के अनुसार धनतेरस यमराज से संबंध रखने वाला व्रत भी है। इस दिन सायं काल घर के बाहर मुख्य दरवाजे पर एक पात्र में अन्न रखकर उसके ऊपर यमराज के निमित्त दक्षिणाभिमुख दीपदान करना चाहिए तथा उसका पूजन भी करना चाहिए यमुना जी यमराज की बहन है। इसलिए धनतेरस के दिन यमुना स्नान का भी विशेष महत्व होता है। धनतेरस के दिन संध्या के समय दीपदान अवश्य करना चाहिए धर्माधिकारी विनोद शास्त्री ने बताया कि भगवान धनवंती का जन्म उत्सव कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। समुद्र मंथन के समय भगवान धन्वतरिका प्रायकट हुआ था द देव दानवो द्वारा क्षीर सागर का मंथन करते समय भगवान धनवंतरी संसार के समस्त रोगों की औषधियों को कलश में भरकर प्रगट हुए थे। उस दिन त्रयोदशी तिथि थी इसलिए इस तिथि में संपूर्ण भारत में भगवान धनवंतरी जयंती महोत्सव भी मनाया जाता है विशेषकर आयुर्वेद के विद्वान वैध समाज की ओर से विशेष पूजन अर्चना की जाती है।
शनिवार को खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त
प्रात: 7.30 से 9 तक शुभ का चौघडिय़ा, दोपहर 12 बजे से 1.30 तक चंचल चर का चौघडिय़ा, 1.30 से 3 बजे तक लाभ का चौघडिय़ा, 3 बजे से 4.30 तक अमृत का चौघडयि़ा, शाम को 6 बजे से 7.30 तक लाभ का चौघडिय़ा, 7.30 से 9 उद्वेग का चौघडिय़ा, 9 से 12 तक शुभ अमृत का चौघडिय़ा, स्थिर लग्न के अनुसार प्रात: 8.14 से 10.30 तक वृश्चिक लग्न, दोपहर 2.22 से 3.56 तक कुंभ लग्न शाम 7.7 से 9.05 तक वृषभ लग्न मुहूर्त हैं।
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