उज्जैन। माघ मास (Magh month) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को सरस्वती पूजा मनाई जाती है। इसी दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। बसंत पंचमी को लेकर इस साल असमंजस की स्थिति है। इस साल पंचमी तिथि 2 फरवरी को सुबह 9 बजकर 14 मिनट से शुरू हो रही है जो 3 फरवरी को 6 बजकर 52 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार बसंत पंचमी 3 फरवरी को मनाई जाएगी।
देश के कुछ हिस्सों में 2 फरवरी को तो कुछ हिस्सों में 3 फरवरी को बसंत पंचमी मनाई जाएगी। बसंत पंचमी का दिन मां सरस्वती को समर्पित है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। माता सरस्वती को ज्ञान, संगीत, कला, विज्ञान और शिल्प-कला की देवी माना जाता है। बसंत पंचमी का दिन सभी शुभ कार्यो के लिये उपयुक्त माना जाता है। इसी कारण से बसंत पंचमी का दिन अबूझ मुहूर्त के नाम से प्रसिद्ध है और नवीन कार्यों की शुरुआत के लिये उत्तम माना जाता है।
पूजा विधि: प्रातः काल स्नान कर पूजा स्थल पर एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं, उस पर मां सरस्वती का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद कलश, भगवान गणेश और नवग्रह पूजन कर मां सरस्वती की पूजा करें। मिष्ठान का भोग लगाकर आरती करें।
बसंत पंचमी के लिए करें ये काम-
इस दिन पीले वस्त्र पहनने और खिचड़ी बनाने और वितरित करने का प्रचलन है। इस दिन शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। बसंत पंचमी को स्वयं सिद्ध मुहूर्त और अनसूझ साया भी माना गया है। इस दिन बहुत से शुभ कार्य भी हो सकते हैं। गृह प्रवेश, वाहन, मकान खरीदना, व्यापार या नया रोजगार आरंभ करना, सगाई और विवाह आदि मंगल कार्य किए जा सकते हैं। इस दिन लोग पीला भोजन बनाकर उसका दान भी करते हैं।
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