नई दिल्ली । पिछले कई दिनों से जारी किसान आंदोलन का आज यानि बुधवार को 15वां दिन हैं। केंद्र सरकार और किसानों के बीच हो बातचीत का कोई समाधान नहीं निकल रहा है। एक तरफ जहां किसान बिलों को खत्म करने पर अड़े हैं तो दूसरी ओर केंद्र सरकार इन कानूनों को संशोधन करने पर राजी हो गई है।
केंद्र द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों ने बुधवारको सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। किसान नेताओं का कहना है कि अगर तीनों कानून रद्द नहीं किये जाते, तो वे एक के बाद एक दिल्ली की सड़कों को बंद करेंगे। साथ ही इन कानूनों के विरोध में किसान 14 दिसंबर को राज्यों में जिला मुख्यालयों का घेराव करेंगे और उससे पहले 12 दिसंबर को दिल्ली-जयपुर राजमार्ग भी बंद किया जायेगा।
केंद्र सरकार ने प्रदर्शनकारियों से अनुरोध किया था कि बुजुर्गों और बच्चों को घर वापस भेज दिया जाए, लेकिन इसके बावजूद भी यूपी गेट पर कई लोगों ने उनके अनुरोध पर को ध्यान नहीं दिया। किसानों के आंदोलन से एक तरफ जहां आर्थिक नुकसान पहुंच रहा है तो वहीं कई जगह यातायात भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।
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