इंदौर के डाक्टरों को नहीं प्रैक्टिस की जरूरत
पीपीई किट क्यों बर्बाद करें.. मरीज डर जाएंगे
इंदौर। एक तरफ तो स्वास्थ्य विभाग कोरोना (Corona) से सतर्क रहने और लोगों को मास्क लगाने की हिदायत देते फिर रहा है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार (Central government) द्वारा डाक्टरों को आपात स्थिति से निपटने के लिए कराई जा रही मॉकड्रिल को मजाक बना दिया है। इंदौर के डाक्टरों को पीपीई किट (PPE kit to doctors of Indore) बर्बाद होने और मरीजों के डर जाने की चिंता है।
सरकार (GOVT) द्वारा जारी नियम के अनुसार कल आला अधिकारियों ने आक्सीजन प्लांटों की जांच कर खानापूर्ति की। वहीं आज फिर मॉकड्रिल का दिखावा किया जाएगा। बिना तकनीक के और स्वास्थ्य अधिकारियों की उपस्थिति में गिने-चुने कर्ताधर्ताओं ने जांच का दिखावा कर मॉकड्रिल की इतिश्री कर ली। पीसी सेठी, चाचा नेहरू, हुकमचंद अस्पताल, एमवाय अल्पताल में आक्सीजन प्लांट चलाकर देखे गए। हालांकि कहीं मशीनों का प्रेशर कम निकला तो कहीं मशीनें शुरू ही नहीं हो सकीं। स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को पीपीई किट्स बर्बाद होने की चिंता सता रही थी, वहीं मरीज कहीं पैनिक न हो जाए, इसका डर सता रहा था।
सुपर स्पेशलिटी में बिना मास्क के नजर आए डाक्टर
एमआर टीबी, सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में हालांकि एम्बुलेंस के माध्यम से डमी मरीज को लाकर इलाज करने की प्रक्रिया दोहराई गई, लेकिन डाक्टर और विशेषज्ञ बिना मास्क के नजर आए। सिर्फ नर्स को पीपीई किट पहनाकर इलाज के लिए निर्देशित किया जा रहा था। जिले के अस्पतालों की जांच करने पहुंचे सीएमएचओ बीएस सैत्या बिना तकनीकी टीम को साथ लिए व बिना मास्क लगाए ही अस्पतालों का दौरा कर आए।
आज फिर सात मरीज, दो ओमिक्रॉन पॉजिटिव
जिस कोरोना के बढ़ते आंकड़ों को देखकर मॉकड्रिल कराई जा रही है, उसके मरीजों की संख्या इंदौर में दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। आज फिर सात मरीजों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई, जबकि दो मरीज ओमिक्रॉन पॉजिटिव मिले हैं। इंदौर जिले में कोरोना से पीडि़त मरीजों का आंकड़ा 43 हो गया है।
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