नई दिल्ली । मां सरस्वती (Maa Saraswati) की कृपा जिस पर हो जाए वह जीवन में किसी भी चीज को पाने के लिए परेशान नहीं रहता है. उनकी पूजा का विशेष दिन आज है. संयोग से इस बार बसंत पंचमी के दिन रवि योग और अमृत सिद्धि योग (Ravi Yog and Amrit Siddhi Yog) का खास संयोग बना है. पूरे दिन रवि योग रहने से इस दिन का महत्व और बढ़ गया है. दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. इसके बाद भी पूजा की जाती रहेगी.
आज का दिन कई कार्यों के लिए है शुभ
शिक्षा (Education) प्रारंभ करने या किसी नई कला की शुरूआत करने के लिए ये दिन शुभ माना जाता है. इस दिन कई लोग गृह प्रवेश भी करते हैं. मान्यता है कि इस दिन कामदेव पत्नी रति के साथ पृथ्वी पर आते हैं. इसलिए जो पति-पत्नी इस दिन भगवान कामदेव और देवी रति की पूजा करते हैं तो उनके वैवाहिक जीवन (Married life) में कभी मुश्किलें नहीं आती हैं. इस दिन लक्ष्मी और भगवान विष्णु पूजा करने का भी विधान है.
दिन भर करें पीले, सफेद या बसंती वस्त्र धारण
आज के दिन पीले (Yellow), बसंती या सफेद (White) वस्त्र धारण करें. इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें. मां सरस्वती को पीला वस्त्र बिछाकर उस पर स्थापित करें और रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही, हलवा आदि प्रसाद के रूप में उनके पास रखें. मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले तथा सफेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें. केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम होगा. हल्दी की माला से मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप करें. शिक्षा की बाधा का योग है तो इस दिन विशेष पूजा करके उसको ठीक किया जा सकता है.
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