नयी दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने बिम्सटेक देशों के नेताओं (Leaders of BIMSTEC Countries) का आह्वान करते हुये कहा कि (Invoking that) बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) को सदस्य देशों के बीच संपर्क (Connectivity), समृद्धि (Prosperity) और सुरक्षा (Security) के सेतु (Bridge) के रूप में परिवर्तित करने (To turn) की कोशिश की जानी चाहिये (Should be tried) । प्रधानमंत्री ने बुधवार को बिम्सटेक देशों के बीच विस्तारित क्षेत्रीय संपर्क, सहयोग और सुरक्षा के महत्व को रेखांकित किया।
नरेंद्र मोदी ने पांचवें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में वर्चुअली भाग लिया। इस सम्मेलन की मेजबानी बिम्सटेक के मौजूदा अध्यक्ष श्रीलंका द्वारा वर्चुअल मोड में की गयी थी। पांचवें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के पूर्व, वरिष्ठ अधिकारियों और विदेश मंत्रियों के स्तर पर एक तैयारी बैठक हाइब्रिड पद्धति से कोलंबो में 28 और 29 मार्च को आयोजित की गयी थी।
‘टूवर्डस ए रेजीलियंट रीजन, प्रॉस्पेरस इकोनॉमीज, हेल्दी पीपल’ सदस्य देशों के लिये प्राथमिकता का विषय है। इसके अलावा बिम्सटेक के प्रयासों से सहयोगी गतिविधियों को विकसित करना भी इसमें शामिल है, ताकि सदस्य देशों की अर्थव्यवस्था तथा विकास पर कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभावों से निपटा जा सके।
शिखर वार्ता का प्रमुख कदम बिम्सटेक चार्टर पर हस्ताक्षर करना और उसे मंजूरी देना था, जिसके तहत उन सदस्य देशों के संगठन को आकार देना है, जो बंगाल की खाड़ी के किनारे स्थित हैं तथा उस पर निर्भर हैं।
शिखर सम्मेलन में बिम्सटेक कनेक्टीविटी एजेंडा को पूरा करने की उल्लेखनीय प्रगति का जायजा लिया गया। सदस्य देश के प्रमुखों ने ‘यातायात संपर्क के लिये मास्टरप्लान’ पर विचार किया। इस मास्टर प्लान में भविष्य में इस इलाके की संपर्क संबंधी गतिविधियों का खाका तैयार करने के दिशा-निर्देश निहित हैं।
नरेंद्र मोदी ने अन्य नेताओं के साथ तीन बिम्सटेक समझौतों पर हस्ताक्षर किये। इन समझौतों में वर्तमान सहयोग गतिविधियों में हुई प्रगति के विषय शामिल हैं।
आपराधिक मामलों में पारस्परिक कानूनी सहायता पर बिम्सटेक समझौता, राजनयिक प्रशिक्षण के क्षेत्र में आपसी सहयोग पर बिम्सटेक समझौता-ज्ञापन और बिम्सटेक प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सुविधा की स्थापना के लिये प्रबंध-पत्र पर प्रधानमंत्री और अन्य देशों के प्रमुखों ने हस्ताक्षर किये।
बिम्सटेक का मतलब है ‘बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन’। इसके सात सदस्य देश हैं जिनमें से पांच भारत, नेपाल, बंगलादेश, भूटान और श्रीलंका दक्षिण एशियाई देश हैं जबकि म्यांमार और थाईलैंड दक्षिण पूर्वी देश हैं। अगले शिखर सम्मेलन की मेजबानी थाईलैंड करेगा।
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