नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा कि कोविड-19 महामारी (covid-19 pandemic) से उत्पन्न अवसरों का लाभ उठाने के लिए सरकार और उद्योग के बीच विश्वास जरूरी है। सरकार टीकाकरण में तेजी लाने पर ध्यान देने के साथ ही देश में स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने पर काम कर रही है।
वित्त मंत्री सीतारमण सोमवार को उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सदस्यों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कोरोना महामारी से निपटने के लिए केंद्र सरकार की रणनीति के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए कहा कि महामारी के खिलाफ सबसे बड़ी सुरक्षा टीकाकरण है, तो दूसरी तरफ सरकार निजी क्षेत्र की मदद करके टियर-2 और टियर-3 शहरों सहित देश में स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने पर काम कर रही है।
सीतारमण ने सीआईआई के सदस्यों को आश्वासन दिया कि विकास वित्त संस्थान (डीएफआई), नेशनल बैंक फोर इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग एंड डेवलपमेंट (एनएबीएफआईडी) जल्द ही काम करने लगेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की घोषित विनिवेश योजना पटरी पर है। उन्होंने कहा कि तरलता अब एक बड़ी चिंता का विषय नहीं है, क्योंकि बैंक-एनबीएफसी-एमएफआई चैनल को खोल दिया गया है। साथ ही 15 अक्टूबर से उन लोगों तक ऋण पहुंचाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिन्हें इसकी जरूरत है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आईडीबीआई बैंक, बीपीसीएल, शिपिंग कॉर्पोरेशन, कंटेनर कॉरपोरेशन, नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड और अन्य की रणनीतिक बिक्री सहित सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री से 1.75 लाख करोड़ रुपये हासिल करने का लक्ष्य रखा है। सीतारमण ने यह भी आश्वासन दिया कि बजट में घोषित विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) जल्द ही चालू हो जाएगा। गौरतलब है कि वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2021-22 के अपने बजट भाषण में सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक सामान्य बीमा कंपनी के निजीकरण सहित व्यापक निजीकरण के एजेंडे का ऐलान किया था। (एजेंसी, हि.स.)
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