मोनरोविया (Monrovia)। अदना सा कर्मचारी हो या फिर बड़ा अफसर, और यहां तक कि नेता भी, अपनी सैलरी बढ़ाने के लिए पूरी ताकत लगा देते हैं. उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि इससे महंगाई बढ़ेगी. सरकारी खजाने (Government treasury) पर बोझ बढ़ेगा. उन्हें तो बस अपनी कमाई से मतलब होता है. लेकिन अफ्रीकी देश लाइबेरिया (African country Liberia.) के राष्ट्रपति जोसेफ बोकाई (President Joseph Bokai) ऐसे लोगों के लिए मिसाल बनकर सामने आए हैं. देश को महंगाई से जूझते देख उन्होंने खुद अपनी सैलरी 40% तक घटाने (reducing his salary 40%) का ऐलान (Announcement) किया है।
लाइबेरिया में महंगाई चरम पर लोग काफी मुश्किलों से जिंदगी गुजार रहे हैं. हर पांच में से एक आदमी रोजाना 150 रुपये से कम कमाई पर गुजारा कर रहा है. तमाम लोगों के पास रोजमर्रा की चीजें खरीदने के लिए भी पैसा नहीं है. इसे देखते हुए राष्ट्रपति जोसेफ बोकाई ने अपनी सैलरी खुद ही घटाने का फैसला कर लिया. पहले उनकी सालाना सैलरी 13400 डॉलर यानी 11.50 लाख रुपये थी. अब उनकी सैलरी घटकर 8,000 डॉलर यानी लगभग 6.67 लाख हो जाएगी. बोकाई से पहले राष्ट्रपति रहे जॉर्ज वीया ने भी अपनी सैलरी में कटौती का ऐलान किया था. उन्होंने अपना वेतन 25 फीसदी तक घटा दिया था।
कुछ लोग फिर भी खुश नहीं
अपने नेता के इस फैसले से लाइबेरिया के लोग काफी खुश हैं. हालांकि, कुछ लोग अभी भी सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि ये त्याग नहीं है. अभी भी राष्ट्रपति को डेली वेज और मेडिकल कवर जैसे कई लाभ मिलते हैं. इस साल का राष्ट्रपति कार्यालय का बजट लगभग 3 मिलियन डॉलर है. बीबीसी से बात करते हुए लाइबेरिया की संस्था सेंटर ऑफ ट्रांसपेरेंसी एंड अकाउंटेबिलिटी के सदस्य एंडरसन डी. मियामेन ने कहा, राष्ट्रपति का सैलरी घटाने का यह फैसला स्वागत योग्य है. हम उम्मीद करते हैं कि जनता इसे समझेगी और इन पैसों का कहां इस्तेमाल किया जाए, उसके बारे में विचार करेगी।
भ्रष्टाचार और फिजूलखर्ची पर लगाई रोक
अपने वेतन में कटौती के साथ-साथ राष्ट्रपति बोकाई ने लाइबेरिया की सिविल सेवा एजेंसी को मजबूत बनाने का ऐलान किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिकारियों को उचित सैलरी मिले. पिछले हफ्ते ही कुछ सांसदों ने शिकायत की थी कि उनके पास सरकारी कारें नहीं हैं. विरोध जताने के लिए वे टुक-टुक में सवार होकर संसद पहुंचे. जनवरी में जब बोकाई ने राष्ट्रपति पद संभाला था, तब उन्होंने सरकारी भ्रष्टाचार से निपटने की शपथ ली थी. सबसे पहले उन्होंने अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करने का ऐलान किया था. जनरल ऑडिटिंग कमीशन और लाइबेरिया भ्रष्टाचार निरोधक आयोग को भी मजबूत बनाया. भ्रष्टाचार और फिजूलखर्ची रोक दी।
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