नई दिल्ली: दुनिया के कई देशों में मंकीपॉक्स के मामले सामने आने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी इस बीमारी को लेकर अलर्ट हो गया है. WHO ने हाल में नई चेतावनी जारी करते हुए कहा कि मंकीपॉक्स के प्रसार को थामने के लिए कोरोना जैसे वैक्सीनेशन प्रोग्राम की जरूरत नहीं है बल्कि इस पर सुरक्षित यौन संबंध बनाने और साफ-सफाई का ध्यान रखने भर से लगाम लगाई जा सकती है.
मंकीपॉक्स के लिए वैक्सीनेशन जरूरी नहीं
विश्न स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि मंकीपॉक्स के सुरक्षा के लिए तत्काल वैक्सीन सप्लाई और एंटी वायरल ट्रीटमेंट की कोई जरूरत नहीं है. WHO की ओर से यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब अमेरिका के CDC ने कहा है कि उसने मंकीपॉक्स और स्मालपॉक्स के इलाज के लिए JYNNEOS वैक्सीन के टीके जारी किए हैं. साल 1958 में अफ्रीका में सबसे पहले मंकीपॉक्स का मामला सामने आया था फिर इसके बाद बीमारी को एंडेमिक घोषित कर दिया गया था.
अमेरिका में 18 मई को मंकीपॉक्स का पहला केस मिला था. पीड़ित शख्स मैसाचुसेट्स में रहता था जिसने हाल में कनाडा की यात्रा की थी. अमेरिका में मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिए 18 साल से ज्यादा उम्र वालों को वैक्सीन भी दी जा रही है. साथ में कमजोर इम्यून सिस्टम और एचआईवी से संक्रमित लोगों को भी टीके लगाए जा रहे हैं.
ट्रैवल हिस्ट्री के बगैर सामने आए केस
अमेरिका और यूरोप में बड़ी संख्या में मंकीपॉक्स के मामले सामने आए हैं. खास बात ये है कि इनमें से किसी ने भी अफ्रीका की यात्रा नहीं की थी. WHO ने कहा कि अब तक वायरस के फैलने की सही वजहों का पता नहीं लग पाया है, हालांकि राहत की बात ये है कि फिलहाल वायरस के तेजी से म्यूटेट होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं.
यूरोप में WHO की पैथोगन थ्रैट टीम के मेंबर रिचर्ड पेबॉजी ने कहा कि वायरस से बचाव के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और आइसोलेशन जरूरी है. साथ ही मंकीपॉक्स के वैक्सीन के साइड इफैक्ट्स पहले ही सामने आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि सभी तो नहीं, लेकिन ज्यादातर मामलों में पुरुष के पुरुष के साथ संबंध बनाने से यह बीमारी फैली है. इसके बाद संगठन ने कहा कि बीमारी की रोकथाम के लिए लगातार सेक्सुअल स्क्रीनिंग और मेडिकल सलाह लेने की जरूरत है.
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