जोधपुर। राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir) के लिए देशभर में समर्पण निधि अभियान चल रहा है। राम मंदिर निर्माण के लिए लोग अपनी इच्छानुसार राशि भेंट कर रहे हैं। लेकिन जोधपुर (Jodhpur) में राम मंदिर निर्माण के लिए एक अनोखा मामला सामने आया है। यहां एक महिला की अंतिम इच्छा के अनुसार उसके निधन के बाद परिजनों ने उसके गहने बेचकर 7 लाख रुपये से अधिक की राशि राम मंदिर निर्माण के लिए समर्पण निधि में भेंट किये हैं।
जानकारी के अनुसार समर्पण निधि अभियान के तहत राम मंदिर के लिये राशि जुटाने वाली जोधपुर की टीम के आरएसएस के प्रांत प्रचार प्रमुख हेमंत गोष्ट के पास हाल ही में एक फोन कॉल आया। फोन करने वाले बताया कि विजय सिंह गौड़ बोल रहा है। उसकी पत्नी आशा कंवर का निधन हो गया है। आशा कंवर की अंतिम इच्छा थी उसके सभी गहने श्री राम मंदिर निर्माण के लिये भेंट किये जायें। लिहाजा आशा कंवर की अंतिम इच्छानुसार हम उसके सभी गहने राम मंदिर निर्माण के लिये भेंट करना चाहते हैं। इस पर हेमंत गोष्ट ने कहा कि आप पहले आशा कंवर का अंतिम संस्कार कर लीजिये। उसके बाद उनकी अंतिम इच्छा पूरी कीजिये।
54 साल की उम्र में बीमारी के कारण हुआ निधन
जोधपुर के सूरसागर भुरटिया निवासी आशा कंवर का हाल ही में 54 साल की उम्र में बीमारी के कारण निधन हो गया था। अपनी बीमारी दौरान आशा कंवर ने गत 1 फरवरी को पति विजय सिंह और बेटे के सामने अपनी अंतिम इच्छा जाहिर की थी। मध्यवर्गीय परिवार होने के बावजूद पति और उनके बेटे ने आशा कंवर की भावना को स्वीकार कर लिया। परिजनों ने आशा कंवर की इच्छानुसार उनके गहनों को बेचने के बाद एकत्र हुई 7 लाख 8 हजार रुपये राशि समर्पण निधि के सदस्यों को सौंप दी।
कोरोना से जंग जीत चुकी थी आशा कंवर
आशा कंवर पिछले दिनों कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गई थी। वे इससे उबर भी गई थीं। 3 फरवरी को वो सामान्य चेकअप के लिए फिर अस्पताल गईं थी। वहां फेफड़ों में संक्रमण के चलते उन्हें एडमिट कर लिया गया। उसके अगले दिन ही आशा कंवर की फेफड़ों में संक्रमण के कारण निधन हो गया था।
समर्पण निधि स्वीकार करते भावुक हुए सदस्य
उसके बाद श्री राम समर्पण निधि अभियान में जुटे सदस्य आशा कंवर के घर पहुंचे। वहां परिजनों ने आशा कंवर की अंतिम इच्छा के बारे में उनको विस्तार से जानकारी दी। परिजनों ने बताया कि आशा कंवर की इच्छानुसार उनके गहनों को बेचने के बाद 7 लाख 8 हजार रुपये आये हैं। परिजनों ने वो राशि समर्पण निधि के सदस्यों को सौंप दी। इस दौरान टीम के सदस्य भावुक हो गये और उन्होंने आशा कंवर की इस इच्छा को श्रीराम की अनूठी भक्ति करार दिया।
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