अहमदाबाद। अहमदाबाद के एक पिता अपने बेटे की सेवा के लिए हाल ही में जापान गए हैं। बेटे को टीबी के तहत कई जटिलताएं थीं। इसलिए वह वर्तमान में जापान के एक अस्पताल में भर्ती है। 56 वर्षीय पिता हरिभाई पटेल ने भारत सरकार को अपने बेटे जयेश पटेल की भारत लौटने में मदद करने के लिए एक पत्र लिखा है। जयेश को भारत लाने के लिए 1.25 करोड़ रुपये का खर्च आना है, जिसके लिए परिवार सक्षम नहीं। इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मदद की अपील की है। हरिभाई अहमदाबाद के घाटलोडिया इलाके में शाइना सिटी में रहते हैं।
पिता अपने बेटे के साथ जापान गए हैं : पिता इस समय जापान में अल्पकालिक वीजा पर हैं और अपने बेटे को घर वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। वह शहर के ग्रांटेड स्कूल में नौकरी करते थे। वह वर्तमान में सेवानिवृत्त हैं। जयेश की पत्नी जलपा और सात साल व छह महीने की दो बेटियां उनके घाटलोदिया वाले घर में एक साथ रहती हैं। जयेश पटेल, जिनके पास एमए और बीएड की डिग्री है, पिछले 2.5 वर्षों से जापान में एक निजी कंपनी के लिए काम कर रहे हैं और ओटाशी में रहते हैं। जयेश को 5 अक्टूबर, 2020 को जापान में शिबुकावा मेडिकल सेंटर गनमकेन में भर्ती कराया गया था। ब्रेन स्ट्रोक के बाद 7 जनवरी को उनकी तबीयत खराब हो गई। पिता के मुताबिक उस दिन के बाद से बेटे की हालत बिगड़ रही है।
पिता की गुहार बेटा भारत लोट आए : पिता ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि शिबूकावा मेडिकल सेंटर में अस्पताल का खर्चा उनके जैसे मध्यम वर्गीय परिवार के किसी व्यक्ति के लिए बहुत ज्यादा था। उन्होंने कहा कि अपने बेटे की पूरी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं, लेकिन पहले एक बार बेटा भारत आ जाए। उसके लिए मुझे भारतीय अथॉरिटीज की मदद चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मेरा बेटा टीबी में 80 फीसदी बेहतर हो गया था, लेकिन यह उसके मस्तिष्क में फैल गया है और इसने उसे और कमजोर बना दिया है। पूरा परिवार उसके लिए चिंतित है। उनकी पत्नी ने सिर्फ छह महीने पहले उनकी सबसे छोटी बेटी को जन्म दिया। मेरा बेटा पिछले 2.5 सालों से जापान में काम कर रहा है।’
सांसद ने भी आश्वासन दिया : पिता ने आगे कहा कि उन्होंने सांसद हसमुख पटेल को एक पत्र भी लिखा था। जिसका उन्होंने जवाब भी दिया है। हसमुख पटेल ने जापान में भारत के महावाणिज्य दूतावास को पत्र लिखकर जयेश को एक डॉक्टर के साथ एयर इंडिया की उड़ान में मदद करने के लिए कहा है ताकि वह भारत वापस आ सके और अपने हिसाब से चिकित्सा प्राप्त कर सके।
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