नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव (gujarat assembly election) में रिकॉर्ड खराब प्रदर्शन करने वाली कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ती (Congress’s difficulties increase) दिख रही हैं। नतीजे आते ही तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) ने फिर अपने सुर बुलंद कर दिए हैं और TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी (TMC supremo Mamata Banerjee) को भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के खिलाफ एकमात्र नेता बताया है। इतना ही नहीं पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल ने 2024 लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Elections) में कांग्रेस की क्षमताओं पर भी सवाल उठा दिए हैं।
गुरुवार को पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘कांग्रेस को खुद की आलोचना करने की जरूरत है। वे गुजरात क्यों नहीं जीत सके? क्यों वे गुजरात में लड़ भी नहीं सके? गुजरात में मुख्य जंग भाजपा बनाम कांग्रेस की थी। गुजरात में कांग्रेस के पास यह दिखाने का मौका था कि (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी के गृहराज्य में कैसे जीतते हैं। वह असफल क्यों हो गई?’
उन्होंने दावा किया है कि कांग्रेस 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अकेले भाजपा से नहीं लड़ पाएगी। उन्होंने कहा, ‘जो गुजरात की लड़ाई में हार गया, वह एक रणनीति के साथ लोकसभा चुनाव कैसे लड़ सकता है? भाजपा का विकल्प होने के मामले में टीएमसी की जरूरत और प्रासंगिकता गुरुवार के नतीजों से एक बार फिर साबित हो गई है।’
टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने भी कांग्रेस का आलोचना की। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस को गुजरात चुनाव के लिए और रणनीति बनानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं करके कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त रही।’ वहीं, पार्टी सांसद और भाजपा के पूर्व नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, ‘मैं भाजपा को बधाई देता हूं, लेकिन हमें सोचना होगा… आप ने इस (गुजरात) चुनाव में क्या किया?’
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत के बाद टीएमसी ने त्रिपुरा और गोवा में बढ़ने की कोशिश की, लेकिन पार्टी गोवा चुनाव में खाता भी नहीं खोल सकी। तब टीएमसी नेताओं ने दावा किया था कि उनकी प्रमुख ममता बनर्जी भाजपा के खिलाफ मुख्य चेहरा हैं।
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